इकट्ठे किए गए चंदे का उपयोग भारत के विरुद्ध आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए किए जाने की संभावना !
जैसा पाकिस्तान, वैसे ही उसकी संस्थाएं ! भारत सरकार को इसके विरुद्ध वैश्विक स्तर पर आवाज उठानी चाहिए और ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही कर, उनके द्वारा इकट्ठे किए गए पैसे जब्त कर उन्हें भारत को दिया जाना चाहिए ; ऐसी मांग करनी चाहिए !
नई दिल्ली – ‘डिसइन्फो लैब’ द्वारा प्रकाशित ब्योरे में यह आशंका व्यक्त की गई है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण जहां भारत में हाहाकार मची थी, उसी समय भारत की सहायता करने के नाम पर अमेरिका और पाकिस्तान की कुछ सेवा संस्थाओं ने करोडों रुपए का चंदा इकट्ठा किया । भले ही ऐसा हो ; परंतु, इन पैसों का उपयोग सहायता के रूप में खर्च करने के स्थान पर भारत-विरोधी आतंकी गतिविधियों में किया जा सकता है ।
१. ‘डिसइन्फो लैब’ के ब्योरे में कहा गया है, कि पाकिस्तानी गैरअनुदानित सेवा संस्थाओं ने ‘हेल्प इंडिया ब्रीद’ अर्थात ‘कोरोना काल में भारत को सांस लेने में सहायता करें’ का आवाहन करते हुए चंदा इकट्ठा किया था । भारत में ऑक्सिजन सिलिंडर, वेंटिलेटर्स और टीके से साथ ही अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं देने हेतु सहायता करने का आवाहन किया गया था । पाकिस्तान के अनेक लोगों ने इन सेवा संस्थाओं के अभियान के अंतर्गत बडी मात्रा में आर्थिक सहायता की थी ।
२. इस ब्योरे में इन सेवा संस्थाओं का पाकिस्तानी सेना के साथ अच्छे संबंध होने का उल्लेख है । पाकिस्तानी सेना के कहने पर इन संस्थाओं का काम चल रहा है, यह आशंका व्यक्त की जा रही है । इसके कारण इन्हीं करोडों रुपए का उपयोग भारत के विरुद्ध आतंकी गतिविधियों के लिए होने की संभावना है ।
३. इस प्रकार पैसा इकट्ठा करनेवाली संस्थाओं में ‘इमाना’ अर्थात ‘इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ संस्था का भी अंतर्भूत थी । इस अभियान में लोगों ने कितनी सहायता दी, इसके विस्तृत आंकडें संस्था ने नहीं दिए हैं, साथ ही ये पैसे कहां और किस प्रकार खर्च किए जा रहे हैं अथवा किए जानेवाले हैं ?’, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है । डिसइन्फो लैब ने यह इतिहास का सबसे बडा घोटाला होने का दावा किया है । वर्ष १९६७ में स्थापित ‘इमाना’ का कहीं पर भी कार्यालय नहीं है और संस्था के द्वारा किसी प्रकार का काम नहीं किया जाता, यह दावा भी इस ब्योरे में किया गया है ।