आई.पी.एल. क्रिकेट प्रतियोगिता के कारण इंग्लैंड क्रिकेट खिलाडी हमारे तलवे चाट रहे हैं !

इंग्लैंड में वर्णभेदी मानसिकता पर पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाडी फारूक इंजीनियर का वक्तव्य !

पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाडी फारूक इंजीनियर

नई दिल्ली – “आई.पी.एल. क्रिकेट प्रतियोगिता आरंभ होने के बाद से इंग्लैंड के खिलाडी हमारे तलवे चाट रहे हैं । मुझे आश्चर्य इस बात का है कि, वे अब सिर्फ पैसे के लिए हमारे जूते चाट रहे हैं ; किंतु, मेरे जैसे लोग जानते हैं कि, प्रारंभिक  दिनों में उनके रंग क्या थे ।अब पैसे के प्रति इंग्लैंड के खिलाडियों का दृष्टिकोण पूरी तरह बदल चुका है । उनका मानना है कि, भारत में भी पैसा बनाया जा सकता है”, पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाडी फारूक इंजीनियर ने एक दैनिक को दिए एक साक्षात्कार में कहा ।

एक पुराने विवादित ट्वीट के कारण इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन के निलंबन से क्रिकेट में वर्णद्वेष पर पुन: चर्चा प्रारंभ हो गई है ।इंजीनियर ने इस पर टिप्पणी करते हुए उपरोक्त वक्तव्य दिया ।

फारूक इंजीनियर ने कहा, “जब मैं पहली बार १९६० के दशक में काउंटी क्रिकेट खेलने इंग्लैंड आया था, तब लोग मुझे भारत के एक व्यक्ति के रूप में अलग दृष्टि से देखते थे । मैंने लंकाशायर के लिए खेलते हुए दो बार वर्णीय टिप्पणी की थी ।वे टिप्पणियां व्यक्तिगत नहीं थीं । मुझे निशाना बनाया गया क्योंकि मैं भारत से आया था, परंतु मेरे बोलने का संदर्भ अलग था । मुझे लगता है कि मेरी अंग्रेजी उनसे बेहतर है, जिससे उन्हें प्रतीत हुआ कि वे फारूक इंजीनियर का सामना नहीं कर सकते । उन्हें मेरा संदेश मिला । मैंने उन्हें कडा प्रत्युत्तर दिया । इतना ही नहीं, मैंने अपनी बल्लेबाजी और विकेट-कीपिंग से अपनी प्रतिभा को सिद्ध किया । मैंने देश की प्रतिष्ठा बढाने के लिए काम किया और मुझे इस पर गर्व है ।”