गुजरात में ‘गाय संशोधन केंद्र’ की स्थापना !

गाय का दूध, गोबर और गोमूत्र पर संशोधन कार्य होगा

कर्णावती (गुजरात) – ‘गुजरात टेक्नोलॉजिकर युनिवर्सिटी’ ने (‘जी.टी.यू.’ ने) ‘गाय संशोधन केंद्र’ की शुरूआत की है । गाय का दूध, गोमूत्र और गोबर के पारंपरिक प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इस केंद्र की स्थापना की गई है । राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अंतर्गत स्थापित की गई ‘कामधेनु संस्था’ ने इस केंद्र के लिए आगे आकर कार्य किया है । राज्यपाल आचार्य देवव्रत के हाथों इस संशोधन केंद्र का उद्घाटन किया गया है ।

१. जी.टी.यू. के कुलपति नवीन सेठ ने कहा कि, वर्तमान में गाय के विषय में केवल भावना के स्तर पर चर्चा होती रहती है । गायों पर अभी तक अधिक वैज्ञानिक काम नहीं हुए हैं । हम वैज्ञानिक संशोधन और नई कल्पना के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं ।
२. जी.टी.यू. के प्रा. डॉ. संजय चौहान ने कहा कि, देसी गाय के गोमूत्र से औषधियां और खाद बनाने के विषय में संशोधन किया जा रहा है । इस संशोधन केंद्र का उद्देश्य ‘ गायों से मिलने वाली सभी वस्तुओें पर वैज्ञानिक दृष्टि से संशोधन करना’,  है । गोमूत्र में बहुत प्रकार के जीवाणु होते हैं । संशोधन और नई कल्पना के माध्यम से इन जीवाणुओं का अनेक उपचारों में प्रयोग किया जा सकता है । गोमूत्र के अर्क में औषधि मूल होने से इसका प्रयोग भूमि का पुनरुत्पादन बढाने के लिए  किया जा सकता है ।