रेमेडिसविर इंजेक्शन के नाम पर खारा (नमकीन) पानी एवं प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) बेचनेवाले परिचारक को बंदी बनाया

जब संपूर्ण देश में आपातकाल उत्पन्न हुआ हो, तब इस प्रकार का छल – कपट करके रोगियों के प्राणों से खिलवाड करनेवालों को मृत्युदंड ही दिया जाना चाहिए !

प्रतिकात्मक चित्र

म्हैसुरू(कर्नाटक) – रेमेडिसविर इंजेक्शन के नाम से बोतल में खारा पानी एवं प्रतिजैविक का मिश्रण बेचने वाले गिरीश नामक परिचारक को बंदी बनाया गया है । पुलिस ने कहा, कि गिरीश ऐसे इंजेक्शन विक्रय करने का काम कर रहा था । वह एक टोली का मुख्य सूत्रधार है । वह विभिन्न प्रतिष्ठानों के रेमेडिसविर इंजेक्शन की बोतलों को रिसाइकिल (पुनः चक्रित) करके उन्हें नमक के पानी एवं एंटीबायोटिक्स से भरकर बेच रहा था । वह वर्ष २०२० से ऐसा कृत्य कर रहा है । गिरीश ने अपने साथियों के साथ स्वयं ही यह बताया कि विगत एक वर्ष से वह इस प्रकार का घोटाला कर रहा है ।