कर्नाटक के प्रसिद्ध गोकर्ण मंदिर का प्रबंधन अब एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्रशासनिक समिति के पास !

सुप्रीम कोर्ट का आदेश !

गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर

नई दिल्ली : कर्नाटक में प्रसिद्ध गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रशासन अब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण कीअध्यक्षता में एक समिति के पास होगा । सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक अंतरिम आदेश जारी किया है । न्यायालय इस मामले पर बाद में विस्तृत सुनवाई करेगा । इसमें कर्नाटक में हिंदू मंदिरों की व्यवस्था और रामचंद्रपुरा मठ को गोकर्ण मंदिर सौंपने के आदेश से संबंधित वर्ष १९९७ के कानून पर निर्णय लिया जाएगा । न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस समिति में उत्तर कन्नड जिले के प्रशासनिक अधिकारी और धार्मिक विद्वान भी सम्मिलित होंगे ।

. वर्ष २००८ में तत्कालीन भाजपा सरकार ने मंदिर को मठ से सटा होने के कारण रामचंद्रपुरा मठ का हिस्सा घोषित किया और मंदिर का प्रबंधन मठ को सौंप दिया । इससे पहले मंदिर एक सरकारी समिति द्वारा चलाया जाता था । वर्ष २०१८ में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि मंदिर, मठ को नहीं सौंपा जाना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी ।

. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रामचंद्रपुरा मठ से मंदिर का प्रबंधन हटा दिया था और उत्तर कन्नड जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी । सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण को समिति का सलाहकार नियुक्त किया गया था । इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद स्थगित कर दिया गया था ।