चारधाम सहित ५१ बडे मंदिरों को सरकारीकरण से शीघ्र ही मुक्त करेंगे !

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का बडा निर्णय

तीरथ सिंह रावत का आदर्श सामने रखकर अब देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी उनके राज्यों के सहस्रों मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त कर उन्हें भक्तों के नियंत्रण में सौंपने चाहिए !

हरिद्वार (उत्तराखंड) – बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री चारधाम सहित ५१ बडे मंदिर देवस्थान बोर्ड के नियंत्रण अर्थात सरकारीकरण से शीघ्र ही मुक्त किए जाएंगे, राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसी घोषणा की है । राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन मंदिरों का सरकारीकरण किया था । तीरथ सिंह रावत ने इस संदर्भ में बताया कि देवस्थान बोर्ड के संबंध पर पुनर्विचार किया जाएगा । हरिद्वार की यात्रा पर रहते समय विश्व हिन्दू परिषद द्वारा बुलाई गई साधु-संत की बैठक में उन्होंने यह आश्वासन दिया । पिछले मास चारधाम के पुरोहितों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंट कर देवस्थान बोर्ड को विसर्जित करने की मांग की थी । वर्ष २०१९ में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बोर्ड बनाया था, जिसका पुरोहितों ने विरोध किया था । भाजपा सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने भी इस निर्णय का विरोध किया था । इस निर्णय के विरुद्ध याचिका प्रविष्ट की गई है ।

तीरथसिंह रावत ने कहा कि

१. राज्य सरकार शीघ्र ही इस विषय पर साधु-संत और तीर्थस्थानों के पुरोहितों के साथ गंभीरता से चर्चा करेगी । चारधाम की परंपरा शंकराचार्यजी के काल से चली आ रही है, जिसे आगे भी चालू रखा जाएगा ।

२. किसी के भी अधिकार छीने नहीं जाएंगे । प्राचीन काल से चारधाम के संदर्भ में व्यवस्था की गई है, जिसे चालू रखा जाएगा । किसी के अधिकार घटाए भी नहीं जाएंगे । इस प्रकरण में मुझे प्राप्त अधिकारों के अंतर्गत जो करना संभव है, वह हम करेंगे । हम संतों को निराश नहीं करेंगे ।