शोपियां की एक मस्जिद में छुपे थे आतंकवादी !
‘आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता’, कहनेवाले अब चुप क्यों हैं !
शोपियां (जम्मू और कश्मीर) – सुरक्षा बलों ने कश्मीर में त्राल और शोपिया में दो अलग अलग जगहों पर हुई झडपों में सात आतंकवादियों को मार गिराया । शोपियां के जन मोहल्ला इलाके की झडप में सुरक्षा बलों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया । मुठभेड में अंसार गजवा तुल हिंद आतंकवादी समूह का एक वरिष्ठ कमांडर मारा गया । यह संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हिस्सा है । ये आतंकवादी जान बचाने के लिए एक मस्जिद में छुपे थे । वहां से वे सुरक्षा बलों पर गोलीबारी कर रहे थे । सुरक्षा बल, इन आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करवाने का प्रयास कर रहे थे । यह मुठभेड ८ अप्रैल की संध्या से ही चल रही थी । मुठभेड में चार सैनिक घायल हुए हैं ।
आतंकवादियों ने पहले भी छिपने के लिए मस्जिदों और दरगाहों का प्रयोग किया है !
१. १५ अक्टूबर १९९३ को ४० आतंकवादी हजरतबल दरगाह में एक महीने तक छिपे हुए थे । तदोपरांत, उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था ।
२. मार्च १९९५ में बड़गाम जिले के चरार-ए-शरीफ क्षेत्र में शेख नूरुद्दीन नूरानी की दरगाह में हरकत-उल-अंसार और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ६६ दिनों तक छिपे रहे । १२ मई को हुई मुठभेड में नौ पाकिस्तानियों सहित पच्चीस आतंकवादी मारे गए थे ।
३. १९९६ में जे.के.एल.एफ. के कमांडर बशारत रज़ा और शब्बीर सिद्दीकी ने २५ से अधिक आतंकवादियों के साथ दरगाह में शरण ली थी । वहां से उन्होंने पुलिस पर आक्रमण किया । उस समय की गई कारवाई में सभी आतंकवादी मारे गए और तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे ।
४. १९ जून, २०२० को आतंकवादियों ने पुलवामा के पंपोर में आक्रमण किया और एक मस्जिद में छुप गए । उन्हें सुरक्षा बलों ने बाहर निकाल कर मारा डाला ।
५. जुलाई २०२० में सोपोर की एक मस्जिद में छुपे आतंकवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के गश्ती दल पर आक्रमण किया था ।