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ढाका (बांग्लादेश) – कुछ दिनों पूर्व, जब भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की यात्रा पर थे, तब एवं वहां से उनके वापस आने पर बांग्लादेश में व्यापक मात्रा में हिंसा हुई थी । इसके पीछे जिहादी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम का हाथ था । इस प्रकरण में, पुलिस ने एक विश्रामालय (रिसॉर्ट) में छापा मारा तथा संगठन के संयुक्त महासचिव मामूनुल हक को बंदी बना लिया । वहां एक महिला के साथ वह आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया ।
इस घटना के संदर्भ में शेख हसीना ने संसद में कहा कि मामूनुल हक ने इस्लाम का अपमान किया है । मैं मामूनुल हक के चरित्र के विषय में बात करना नहीं चाहती । आप सभी ने उन्हें अपवित्र कार्य करते हुए देखा है । वे सदैव कर्म एवं धर्म के संबंध में बातें करते रहते हैं । संपूर्ण देश में हिंसा फैलाकर मामूनुल भोग-विलास करने हेतु एक सुंदर महिला के साथ रिसॉर्ट पर चले गए । वे इस्लाम के नाम पर कलंक हैं । ऐसे लोग इस्लाम को अपकीर्त कर रहे हैं । क्या इस्लाम को माननेवाला कोई भी व्यक्ति असत्य बोल सकता है ? ऐसे लोग धर्म का पालन कैसे करेंगे एवं लोगों को वे क्या बताएंगे ? ऐसे कुछ लोगों के कारण ही इस्लाम का नाम आतंकवाद तथा चरित्रहीन के लोगों के साथ जुड गया है ।