(कहते हैं) वर्तमान शासक भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं ! – शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का आरोप

यदि वर्तमान शासकों ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बना दिया, तो इसमें गलत क्या है ? हिन्दू राज्य में सिखों को क्या डर है ? सिखों और हिन्दुओं का इतिहास साक्षी है कि, उन्हें किससे संघर्ष करना चाहिए, अब तक उन पर किसने अत्याचार किया है ; यह जगजाहिर होते हुए, क्या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, पाकिस्तान के विचारों के अनुसार बात कर रही है ? यह प्रश्न किसी के मन में यदि आता है तो उसमें गलत क्या है ?

नई दिल्ली : वर्तमान शासक देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं । सिखों की धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एस.जी.पी.सी.) ने आरोप लगाया है कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) सिख धर्म के इतिहास और सिद्धांत को बदलने की साजिश रच रहा है । भाजपा नेता आर.पी. सिंह ने एस.जी.पी.सी. के विरोध आरोप लगाते हुए कहा था, “यह संगठन सिखों के धर्मांतरण को रोकने में विफल रहा है ।” इस के उत्तर में एस.जी.पी.सी. ने उपरोक्त आरोप लगाए हैं । (पंजाब में बडी संख्या में सिखों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने से रोकने के लिए एस.जी.पी.सी. ने क्या प्रयास किया था ; किन्तु इसका उत्तर उन्होंने नहीं दिया । अब अगर कोई उन पर आरोप लगा रहा है, तो यह गलत कैसे हो सकता है ? – संपादक )

एस.जी.पी.सी. के अतिरिक्त सचिव सुखदेव सिंह भुराकोना ने कहा कि, ‘आर.पी. सिंह अज्ञानी हैं । उन्होंने कभी सिखों का इतिहास पढा ही नहीं है । उन्हें इसे पढना चाहिए । जब औरंगज़ेब भारत को दार-उल-इस्लाम (‘इस्लाममय भारत’) बनाने का प्रयास कर रहा था, तो हिन्दू धर्म पर संकट आ गया था । कश्मीरी हिन्दुओं की पुकार सुनकर दिल्ली में श्री गुरु तेग बहादुर शहीद हो गए ।’ (इसी इतिहास को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को स्मरण करना चाहिए ! – संपादक) देश की वर्तमान सरकार, औरंगजेब के पदचिह्नों पर चल रही है । अंतर केवल इतना है कि, औरंगजेब भारत को एक इस्लामिक देश बनाने का प्रयास कर रहा था एवं वर्तमान शासक हिन्दू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं । (जैसे हिन्दू धर्म में विभिन्न पंथ हैं, वैसे ही सिख धर्म भी एक पंथ है । इसलिए इस संप्रदाय की संस्कृतियां, रीति-रिवाज और परंपराएं हिन्दुओं के ही समान हैं । सिखों की जो धार्मिक संस्था अपनी पहचान से मना करती है, वह कितनी हिन्दू द्वेषी है, यह ध्यान में आता है ।- संपादक) वर्तमान शासक, अन्य धर्म की संस्कृति और भाषा को सहन नहीं कर सकते ।

नांदेड़ संघर्ष मामले में गिरफ्तार सिखों को रिहा करो !

एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि, नांदेड़ के श्री नांदेड़ साहिब गुरुद्वारे में होला-मोहल्ला उत्सव मनाते समय कोरोना नियमों के उल्लंघन पर पुलिस और सिख समुदाय के बीच झडप के मामले में ३०० लोगों को गिरफ्तार किया गया है । उन्हें प्रताडित किया जा रहा है । (एस.जी.पी.सी. को यह भी बताना चाहिए कि, पुलिस पर तलवार से हमला करने का क्या मतलब है, उनके वाहनों को जलाने को क्या कहना चाहिए ! यह भी एस.जी.पी.सी. को बताना होगा – संपादक) यह निंदनीय है । ‘महाराष्ट्र सरकार गिरफ्तार सिखों की जल्द रिहाई करे’, उन्होंने यह मांग की है ।