- क्योंकि, बच्चों को मानव जन्म का महत्व एवं उसका निरंतर आनंद के लिए कैसे उपयोग किया जाता है, यह सिखाया ही नहीं जाता, इसलिए वे नश्वर वस्तुओं में अटक कर उसके लिए स्वयं ही अपना मूल्यवान जीवन खो रहे हैं । निधर्मी राज्य व्यवस्था की यह पराजय है !
- धर्माधिष्ठित हिंदू राष्ट्र में, जीवन का महत्व एवं उद्देश्य बताते हुए व्यक्ति को निरंतर सुख प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करने वाली शिक्षा दी जाएगी तथा व्यक्ति द्वारा प्रत्यक्ष कृति करवाई जाएगी । इसलिए कोई भी आत्महत्या नहीं करेगा !
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नोएडा (उत्तर प्रदेश) – एक १५ वर्षीय लडके ने अपने माता-पिता के ‘मोबाइल फोन सेट पर खेल मत खेलो’, ऐसे चिल्लाने के कारण एक निर्माणाधीन इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली । लडका लापता होने की सूचना उसके माता-पिता ने दी थी । माता-पिता के उस पर चिल्लाने के बाद लडका घर छोडकर चला गया था ।