तिरुपति मंदिर में किए गए केशदान की चीन में की गई तस्करी पर हुए घोटाले के पीछे सत्ताधारी वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेताओं का हाथ है !

तेलुगु देशम पार्टी के नेता अयन्ना पत्रुदु ने लगाया आरोप !

मंदिरों के सरकारीकरण के ऐसे दुष्प्रभाव ! आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ वाई. एस. आर. कांग्रेस, एक ईसाई समर्पित पार्टी है । इस तरह की घटना चूंकि एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर के संदर्भ में हो रही है, अत: हिन्दुओं को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसकी जांच करेगी और सच्चाई का खुलासा करेगी !

तिरुपति मंदिर

अमरावती (आंध्र प्रदेश) – तिरुपति मंदिर में भक्तों द्वारा चढाए गए बालों को चीन, थाईलैंड और म्यांमार भेजने के लिए तस्करी का मार्ग अपनाया जाता है । वाई. एस. आर. कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता, अयन्ना पत्रुदु ने आरोप लगाया है कि, कांग्रेस के कई बडे नेता इसमें सम्मिलित हैं । मिजोरम-म्यांमार सीमा पर तैनात असम राइफल्स के जवानों ने हाल ही में २ करोड रुपये के मानव केश पकडे थे ।

अयन्ना पत्रुदु

अयन्ना पत्रुदु ने कहा,

१. वाई.एस.आर. कांग्रेस का नेता बालू, सीमेंट और शराब के साथ-साथ बालों की भी तस्करी कर रहा है और उसके माफिया गिरोह का पर्दाफाश हुआ है । तिरुपति मंदिर से केश पहले म्यांमार भेजे जाते हैं, फिर उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए थाईलैंड और चीन भेजा जाता है । इन बालों का उपयोग ‘विग्स’ बनाने के लिए किया जाता है और पूरे विश्व में यह कारोबार फैला हुआ है । जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार को इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए । केश माफिया गिरोह पर लगाम लगाने में सरकार नाकाम क्यों है ?

२. भक्तों द्वारा दान किए गए बालों की तस्करी में सहायता करके, वाई. एस. आर. कांग्रेस नेताओं ने हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया है । विश्व भर से लाखों भक्त यहां आते हैं । वे अपने बालों को भगवान को श्रद्धावश दान करते हैं ; किन्तु, सत्ताधारी पार्टी के नेता मंदिर की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं ।

तिरुपति मंदिर ट्रस्ट ने आरोपों से इनकार किया !

तिरुमाला तिरुपति देवस्थान ट्रस्ट ने कहा है कि, ‘बाल तस्करी के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है ।’ तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी, ए.वी. धर्म रेड्डी ने कहा कि, ‘तिरुपति मंदिर ने भक्तों द्वारा दान किए गए बालों के भंडारण, प्रसंस्करण, हैंडलिंग और परिवहन के लिए उचित नियम व प्रणाली बनाई है एवं इसमें किसी प्रकार के त्रुटिपूर्ण कार्य होने की कोई संभावना नहीं है ।’