मानसिक दृष्टि से सक्षम न रहने वाले सैनिक जनता की रक्षा कैसे कर सकते हैं ? सैनिकों ने साधना न करने के कारण ‘प्रतिकूल परिस्थिति पर मात कर कैसे स्थिर रहना है’, यह उन्हें नही पता है । इस कारण वे इस प्रकार के कदम उठाते हैं !
आधुनिक शिक्षा में आत्महत्या रोकने की कोई भी ठोस उपाय योजना नही, यह उसकी बडी असफलता है । यह ध्यान में रख भारतीयों से साधना करवाकर लेने की नितांत आवश्यकता है !
नई दिल्ली – पिछले ७ वर्षों में थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के ८०० सैनिकों ने आत्महत्या की है। ऐसी जानकारी रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते समय दी । वर्ष २०१४ के बाद थल सेना के ५९१ सैनिकों ने, वायु सेना के १६० सैनिकों ने और नौ सेना के ३६ सैनिकों ने आत्महत्या की, ऐसी जानकारी नाई ने दी ।