सीरम और भारत बायोटेक को उत्पादन क्षमता बताने का आदेश !
नई दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक में बडी संख्या में टीके बनाने की क्षमता है ; किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि वे इसका पूर्ण उपयोग नहीं कर रहे हैं । हम या तो अन्य देशों को टीके दान दे रहे हैं या बेच रहे हैं ; किन्तु भारत की जनता को पर्याप्त टीके नहीं दिए गए हैं । दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘इस मामले में जिम्मेदारी और तत्परता की भावना होनी चाहिए ।’ एसोसिएशन ने मांग की है कि न्यायाधीशों, वकीलों और कर्मचारियों को प्राथमिकता के तौर पर टीका लगाया जाना चाहिए ।
कितनी कोरोना वैक्सीन बनाते हैं?, दिल्ली हाईकोर्ट ने सीरम और भारत बायोटेक से पूछे तीखे सवाल?https://t.co/YN66ZRyt06#DelhiHighCourt #SerumInstitue #BharatBiotech
— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) March 4, 2021
१. न्यायालय ने केंद्र सरकार को कोरोना वैक्सीन लगाने के वर्गीकरण के कारणों के बारे में बताने का भी निर्देश दिया है । न्यायालय ने पुणे स्थित भारत के सीरम इंस्टीट्यूट और हैदराबाद के भारत बायोटेक को उनकी वैक्सीन क्षमताओं के बारे में जानकारी प्रदान करने का भी निर्देश दिया है । बायोटेक में कोव्हैक्सीन, तो सीरम में कोविशिल्ड का निर्माण किया जा रहा है ।
The Delhi High Court on Thursday pulled up the Centre for exporting Covid-19 vaccines instead of vaccinating the country’s citizens on a priority basis.https://t.co/Xglaw5FqiR
— The Indian Express (@IndianExpress) March 4, 2021
२. केंद्र सरकार ने पहले चरण में फ्रंटलाइन कर्मचारियों को टीका लगाने की योजना बनाई थी, जबकि दूसरे चरण में ६० वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और ४५ वर्ष से अधिक उम्र के बीमारीग्रस्त नागरिकों को यह टीका दिया जा रहा है ।