गत वर्ष मुम्बई में बिजली आपूर्ति खंडित होने के पीछे चीन का हाथ !

  • अमेरिका में स्थित आस्थापना का दावा !

  • गालवान घाटी के संघर्ष का प्रत्युत्तर देने का प्रयास !

  • चीन विभिन्न माध्यमों से भारत पर आघात करने का प्रयास करता है । क्या भारत ऐसे आक्रमणों का प्रत्युत्तर देने की हिम्मत है ?

  • भारत सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह अमरिकी समाचार पत्र द्वारा किए गए दावे को सत्यापित करें कि, क्या यह सत्य है या असत्य, तथा इसके पीछे की वास्तविकता सामने लानी चाहिए !

वॉशिंगटन (अमेरिका) – चीन की हैकर (संगणकीय घुसपैठिया) सेना ने अक्टूबर २०२० में मात्र पांच दिनों में भारत के विद्युत ग्रिड (जाली), आईटी प्रतिष्ठानों एवं बैंकिंग क्षेत्र पर ४० सहस्त्र ५०० बार आक्रमण किया था । १२ अक्टूबर को मुंबई में हुए ‘ब्लैकआउट’ (बिजली की आपूर्ति खंडित होना) के पीछे भी चीन का हाथ था । ऐसा समाचार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमरिकी साइबर रक्षा आस्थापन ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ के एक अध्ययन के आधार पर दिया है । ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ एक ऐसा संगठन है, जो शासकीय संस्थाओं के साथ मिलकर इंटरनेट विषयक अध्ययन करता है । ऐसा होते हुए भी, यह आस्थापन भारत की बिजली व्यवस्था के अंदर नहीं पहुंच सकता था । इसलिए, इसके आगे का शोध नहीं किया जा सका । भारतीय तथा चीनी सैनिकों के मध्यमें हुई मुठभेड के पश्चात गलवान घाटी में तनाव अधिक उत्पन्न हुआ था । ‘यदि भारत ने और कठोरता दिखाई तो पूरे देश को बिजली कटौती का सामना करना पडेगा’, यह इस आक्रमण का आधारभूत संदेश था । हैकर्स की सहायता से भारत में ‘ब्लैकआउट’ करने की हिम्मत चीन कर रहा था ।

१. अध्ययन में कहा गया है कि, चीन यह दिखाने का प्रयास कर रहा था कि यदि सीमा पर उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई, तो वह भारत के विभिन्न बिजली ग्रिडों पर साइबर आक्रमण प्रारंभ कर उन्हें बंद कर सकता है । चीनी हैकर्स द्वारा फैलाए गए मालवेयर (वायरस) ने भारत में बिजली आपूर्ति नियंत्रण करनेवाली प्रणाली में घुसपैठ कर ली थी । इनमें उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन एवं थर्मल प्लांट भी सम्मिलित थे । चीनी वायरस ने भारत में बिजली आपूर्ति पंक्ति (लाइन) में घुसपैठ की थी ।

२. इस आस्थापन के मुख्य परिचालन अधिकारी स्टुअर्ट सोलोमन ने कहा कि, “एक चीनी शासकीय एजेंसी ‘रेड इको’ ने भारत में अनेक बिजली उत्पादन एवं संचरण लाइनों में घुसपैठ की थी । इसके लिए, साइबर हैकिंग तकनीक का भरपूर उपयोग किया गया था । उसी समय, मुंबई के पावर ग्रिड की बिजली की आपूर्ति खंडित हुई थी ; परंतु इसके पीछे एक साइबर हमला है या अन्य कुछ, यह प्रमाणित नहीं किया जा सका ।

३. मुंबई में, १२ अक्टूबर २०२० के प्रातः काल में बिजली की आपूर्ति अचानक खंडित हुई थी । इससे मुंबई निस्तब्ध हुई थी । बिजली चली जाने से कोरोनाबाधित रुग्णोपर उपचार करने वाले चिकित्सालयों में वायूयंत्र (वेंटिलेटर) बंद हो गए थे । २ घंटे के प्रयास के उपरांत बिजली आपूर्ति पुनः सामान्य की जा सकी थी ।