आक्रमण में घायल हिन्दू युवक की उपचारों के समय मृत्यु

  • श्रीनगर स्थित कृष्णा ढाबे पर हुए आतंकवादी आक्रमण का प्रकरण

  • सामाजिक माध्यमों में पाखंडी धर्मनिरपेक्षवादियों की आलोचना

 

कश्मीर में अभी भी हिन्दू असुरक्षित हैं, यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अनिवार्य बनाती है !

नई देहली : श्रीनगर में प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा पर हुए आतंकवादी आक्रमण में दो पुलिसकर्मी शहीद हुए तथा दुकान के स्वामी का पुत्र आकाश मेहता गंभीर रूप से चोटग्रस्त हो गया था । चिकित्सालय में उपचार के समय उसकी मृत्यु हो गई । उसके पश्चात सामाजिक माध्यमों में हिन्दुत्ववादियों ने आलोचना करना आरंभ किया है । इसके लिए हैशटैग ‘कृष्णा ढाबा’ को भी ट्रेंड किया गया ।

१. किसी एक ने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या भारत में हिन्दू होना अपराध है ?’ ‘अब तथाकथित निधर्मीवादी नेता एवं पुरस्कार लौटाने की भाषा बोलने वाली टोली अब कहां गई ?’ ‘क्या जब हिन्दू मारे जाते हैं, तो धर्मनिरपेक्षता की हत्या नहीं होती, ?’ एक अन्य ने लिखा कि इस्लामी आतंकवाद ने एक शक्तिशाली हिन्दू का शिकार किया ।

२.आतंकवादी समूह ‘मुस्लिम जांबाज फोर्स (बल)’ ने आक्रमण का दायित्व लिया है । आक्रमण के प्रकरण में पुलिस ने तीन लोगों को बंदी बनाया है । ये आरोपी लश्कर-ए-तैयबा गुट के हैं ।