यूरोप में मुसलमान शरणार्थियों के बारे में जागरूकता बढाने के कारण, पोप ने कार्डिनल को निष्कासित कर दिया !

  • यदि कोई पादरी पहले से ही भविष्य की घटनाओं की चेतावनी दे रहा है, और अगर उसके विरुद्ध ऐसी कार्रवाई की जाती है, तो यूरोप के लोगों की सुरक्षा दांव पर है ; यही कहना होगा !

  • ‘ईसाई प्रेम और शांति के पैरोकार हैं ‘, ऐसी ईसाइयों की छवि है । क्या यह माना जाए कि ईसाई पादरी के प्रति ऐसा व्यवहार वेटिकन चर्च के वास्तविक स्वरूप को दर्शाता है !
कार्डिनल रॉबर्ट सारा

वेटिकन सिटी – अगर यूरोप में मुसलमान शरणार्थियों की ऐसी ही बाढ जारी रही, तो जल्द ही विश्व भर में इस्लामी आक्रमण आरंभ हो जाएंगे । ७५ वर्षीय अफ्रीकी कार्डिनल रॉबर्ट सारा ने मांग की है कि, वेटिकन सिटी को इस प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहिए, इस कारण पोप फ्रांसिस ने रॉबर्ट सारा को पदच्युत कर दिया है ।

उन्होंने यह मांग वर्ष २०१९ में की थी । रॉबर्ट सारा अफ्रीका के देश, गिनी के हैं । पिछले २० वर्षों से उन्होंने वेटिकन सिटी में प्रमुख पदों पर कार्य किया है । वे वर्तमान में स्थानीय पूजा और धार्मिक संस्कारों के प्रभारी थे । खास बात यह है कि, चर्च के कानून के अनुसार, कोई भी पादरी ७५ वर्ष के बाद अपने पद पर नहीं रह सकता है ।

यद्यपि, पोप की अनुमति से ७५ वर्षों के बाद कुछ पादरी पद पर बने रहे ; तथापि रॉबर्ट सारा को यह अनुमति नहीं दी गाई । मुसलमान शरणार्थियों पर उनके बयान को इसके पीछे का कारण बताया जाता है ।