पी.एफ.आई. के जुलूस में रा.स्व.संघ की वर्दी में दिखाए गए लोगों को हथकडी लगाई गई थी !
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मलप्पुरम (केरल) – द पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पी.एफ.आई.) एक जिहादी संगठन, ने मोपला हत्याकांड की १०० वीं वर्षगांठ के अवसर पर, १९ फरवरी को जिले के तेनीपलम में एक जुलूस निकाला । उस समय, कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं का नरसंहार किया था । इस जुलूस में रा.स्व.संघ की वर्दी पहने पुरुषों को हथकडी लगाए दिखाया गया। (संघ हिन्दुओं के धर्मांतरण का विरोध करता है, इसलिए, पीएफआई जैसे जिहादी संगठन, संघ पर नजर रखते हैं । भारत में अभी भी इस तरह के चरमपंथी हिन्दू विरोधी संगठन कैसे मुक्त रह सकते हैं ? – संपादक) जुलूस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है ।
PFI organised a procession in Malappuram dist with cadres dressed as in 1921 communal massacre of Hindus pic.twitter.com/Rg6cxlSdwr
— Sanatan Sanstha Pravakta (@Sanatan_speaks) February 18, 2021
१. जुलूस में संघ की वर्दी के लोगों के अलावा ब्रिटिश अधिकारियों की वर्दी पहने हुए लोग भी थे । उन्हें रस्सियों से हथकडी लगाई गई थी । रस्सी का दूसरा सिरा गोल टोपी और लुंगी पहने लोगों के हाथ में था ।
२. सूत्रों ने कहा कि, “पी.एफ.आई. जुलूस का उद्देश्य १९२१ के ‘मालाबार हिन्दू नरसंहार’ या ‘मोपला नरसंहार’ की शताब्दी को मनाना था । इस नरसंहार में दस हजार से अधिक हिन्दू मारे गए थे । साथ ही १ लाख हिन्दुओं को केरल छोडने के लिए विवश किया गया था ।”
गणमान्य लोगों द्वारा मालाबार हिन्दू नरसंहार का उल्लेख !
१. स्वतंत्रता सेनानी ऐनी बेसेंट ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि, ‘मुसलमानों ने बडी संख्या में हिन्दुओं को मार डाला और लूट लिया । सभी गैर-परिवर्तित हिन्दू मारे गए या भाग गए । मालाबार घटना ने मुझे सिखाया है कि इस्लामिक कानून अभी भी कैसे चल रहा है और हम भारत में एक और खिलाफत का नमूना नहीं देखना चाहते हैं ।’
२. संविधान रचयिता डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि, ‘मालाबार में मोपलों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार अवर्णनीय है । पूरे दक्षिण भारत में, सभी हिन्दुओं में आतंक की लहर थी । विशेष रूप से, खिलाफत के नेताओं ने धर्म के लिए लडनेवाले मोपलों ‘बहादुर लडाके’ कहकर उनको अभिनंदन करने का प्रस्ताव पारित किया था । नरसंहार में नष्ट हुए हिन्दू मंदिरों की संख्या १०० होने का अनुमान है । हिन्दुओं को जबरन धर्मांतरित किया गया ।’