नासा के ‘पर्सिवरेन्स’ रोवर की मंगल पर सफलता पूर्वक लैंडिंग

मनुष्य का मंगल पर जाने के प्रयास का भाग !

विज्ञान द्वारा यान भेजकर अन्य ग्रहों पर जीवन था क्या ? या है क्या ? इसकी खोज की जा रही है; लेकिन हिंदूओं के धर्मशास्त्र के अनुसार ‘अनेक ब्रम्हांड हैं और उसमें जीवन है’, ऐसा बताया गया है और ऋषि- मुनि, संत, महात्माओं ने इसका अनुभव भी लिया है और ले रहे हैं । पृथ्वी के व्यक्ति द्वारा योग्य साधना करने पर वे भी इसका अनुभव ले सकते हैं; लेकिन विज्ञान को यह सिद्ध करने में सहस्रो वर्ष लगेंगे या वे साध्य कर पाएंगे, ऐसी अपेक्षा नही कर सकते !

जैसे ही नासा का रोवर मंगल पर पहुंचा, नियंत्रण कक्ष में उत्साह का वातावरण !

वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ‘मंगल ग्रह पर जीवन था कि नही ?’ यह खोजने के लिए चालू की गई योजना के अंतर्गत भेजे गए ‘पर्सिवरेन्स’ नामक रोवर की मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की गई । मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर इस दुर्गम भाग में रोवर को उतारा गया । नासा ने ७ माह पहले यह रोवर भेजा था । इस रोवर की लैंडिंग के कारण अमेरिका मंगल पर सबसे अधिक रोवर भेजने वाला पहला देश बन गय है ।

रोवर द्वारा भेजे गए मंगल ग्रह के चित्र
‘जेजेरो क्रेटर ‘मंगल का दुर्गम भाग

पर्सिवरेन्स रोवर ने मंगल की भूमि पर उतरते ही भेजा गया पहला चित्र नासा ने ट्वीटर पर पोस्ट किया है । नासा ने कहा है कि जीवन की खोज करने के लिए यह रोवर मंगल ग्रह के ऊपर की मिट्टी और पत्थर के नमूने लेकर आने वाला है । आगे के कुछ वर्षों तक वह मंगल पर रहने वाला है ।

इस समय के दौरान, रोवर जीवन के संकेतों की खोज करेगा और मंगल से नमूने लेकर पृथ्वी पर लौटेगा । जो भविष्य में मनुष्य के मंगल पर जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा ।

Indian-American Swati Mohan spearheads NASA rover landing on mars