उपमुख्यमंत्री ने दिया पूछताछ का आदेश !
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लखनऊ (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज के कुशमौरा हलुवापुर गांव में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के संयुक्त मंदिर की भूमि हडपने के लिए देवताओं की मृत्यु का दस्तावेज सामने आया है । २५ वर्ष पहले आरंभ हुआ यह मामला, अब २०१६ में मंदिर के मूल ट्रस्टी सुशीलकुमार त्रिपाठी द्वारा उप तहसीलदार को दी गई शिकायत के कारण प्रकाश में आया है । (२०१६ में शिकायत दर्ज होने के बाद, मामला २०२१ में प्रकाश में आया, जिससे यह पता चलता है कि प्रशासन कैसे चल रहा है ! – संपादक) उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने मामले की जांच करने के आदेश उपविभागीय दंडाधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी को दिये हैं । (केवल भगवान ही जानता है कि यह जांच अब कितने साल चलेगी ! – संपादक)
१. यह मंदिर १०० वर्षो से अधिक पुराना है । मंदिर ७३०० वर्ग मीटर भूमि का स्वामी है । यह मंदिर कृष्ण-राम ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है । मंदिरों में प्रतिष्ठत भगवान श्रीराम और भगवान कृष्ण के पिता के रूप में दस्तावेजों में गया प्रसाद का उल्लेख किया गया है ।
२. वर्ष १९८७ में इस मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि के दस्तावेजों में कुछ परिवर्तन करके और यह दिखाते हुए कि भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम की मृत्यु हो गई है, इसलिए ट्रस्ट की पूरी भूमि गया प्रसाद के नाम पर कर दी गई । गया प्रसाद का वर्ष १९९१ निधन में हो गया था । उसके बाद कृष्ण-राम ट्रस्ट के सभी अधिकार उनके भाइयों रामनाथ और हरिद्वार के पास आ गए ।