‘टूलकिट’ प्रकरण में अधिवक्ता निकिता जैकब के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी !

भारत में, तथाकथित पर्यावरणवादी, पर्यावरण की रक्षा के नाम पर देशद्रोही काम करते हैं । उनके विरुद्ध कडी कार्रवाई होनी चाहिए !

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने ‘टूलकिट´ प्रकरण (किसानों के आंदोलन की पूरी रूपरेखा) में कथित पर्यावरणवादी और अधिवक्ता, निकिता जेकब के विरुद्ध गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है । निकिता जेकब ने गिरफ्तारी से बचने के लिए गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए आवेदन किया है । निकिता जेकब मुंबई उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में काम करती हैं । इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ प्रकरण में बेंगलुरु की एक पर्यावरणवादी, दिशा रवि को गिरफ्तार किया था । दिल्ली पुलिस ने कहा कि, ‘दिशा रवि, निकिता जेकब और शांतनु ने टूलकिट बनाया और इसे संकलन के लिए दूसरों के साथ साझा किया ।’ दिशा रवि के मोबाइल फोन से भी साक्ष्य मिले हैं ।

(कहते हैं) दिशा रवि की गिरफ़्तारी लोकतंत्र पर हमला है ! – विपक्ष का आरोप

विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग द्वारा पोस्ट की गई टूलकिट में पर्यावरणवादी, दिशा रवि को गिरफ्तार करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की है । कांग्रेस नेताओं प्रियंका वाड्रा, शशि थरूर, कपिल सिब्बल, द्रमुक नेता कनिमोझी, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि, “यह लोकतंत्र पर आक्रमण है” ।

१. कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया और सवाल पूछा, ‘क्या दिशा रवि के ट्वीट्स से देश की सुरक्षा के लिए खतरा है ? क्या देश इतना कमजोर है ? क्या २२ वर्ष की उम्र की कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है ?’ अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है ।’

२. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने सरकार पर, “कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने का प्रयास” करने का आरोप लगाया है, जबकि ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेबे ने भी गिरफ्तारी की निंदा की है । (भारत के अंतर्गत प्रश्नों में नाक घुसाने का उन्हें क्या अधिकार ?– संपादक)

( सौजन्य : INDIA TV )