तमिलनाडु में जिलाधीश कार्यालय के निर्माण के लिए १००० वर्ष पुरातन मंदिर की ३५ एकड भूमि अधिग्रहीत करने पर सहमति !

मद्रास उच्चन्यायालय का निर्णय !

  • क्या ऐसा आदेश किसी चर्च या मस्जिद की भूमि के संदर्भ में दिया जा सकता है ? और क्या उन्होंने इसे स्वीकार किया होता ? ऐसे प्रश्न हिन्दुओं के मन में उठ रहे हैं !
  • वक्फ बोर्ड, भारत में रेलवे के बाद सबसे बडा भूमि स्वामी है । क्या सरकार ने उनकी भूमि अधिग्रहित करने की हिम्मत की होती ? क्या जिलाधीश कार्यालय बनाने के लिए सरकारी जमीनों में से कोई अन्य भूमि नहीं ली जा सकती थी ? हिन्दुओं को आशा है कि न्यायालय इस तरह का निर्णय देते समय हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं पर विचार करेगा !

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने सरकार को तमिलनाडु राज्य में एक नए जिलाधीश कार्यालय और अन्य सरकारी भवनों के निर्माण के लिए, कल्लाकुरिची के १००० वर्ष पुराने अर्धनारीश्वर मंदिर से जुडी ३५ एकड भूमि अधिगृहित करने की अनुमति दी है ।

१. रंगकर्ण नरसिंह ने सरकार के निर्णय के विरुद्ध १ सितंबर, २०२०  को एक जनहित याचिका दायर की थी । उसमें  कहा गया था कि, ‘यह भूमि एक मंदिर की है जो १००० वर्ष से अधिक पुराना है । वर्तमान मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और रखरखाव के अभाव में किसी भी क्षण ढह सकता है । यह भूमि, मंदिर के लिए आय का एकमात्र स्रोत है और इसका उपयोग केवल मंदिर के लाभ के लिए किया जाना चाहिए । उसे कोई अन्य अधिगृहीत नहीं कर सकता है ।’

२. सुनवाई के दौरान, न्यायालय  ने कहा कि, केवल सार्वजनिक हित के लिए इस भूमि का उपयोग प्रस्तावित है ।

३. न्यायालय ने मंदिर की भूमि का मूल्यांकन करने के लिए जिलाधीश और कल्लकुरीची के जिला न्यायाधीश सहित दो सदस्यीय समिति बनाने का निर्देश दिया है ।