तुर्की किराए के जिहादी आतंकवादियों को कश्मीर भेजेगा !

  • कश्मीर का मुद्दा धार्मिक आधार के कारण बना है । इसलिए ध्यान रखें कि कट्टरपंथी इस्लामिक देश कश्मीर में हिंसा को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की सहायता कर रहे हैं ! भारत को अब तुर्की को सही सबक सिखाने का प्रयास करना चाहिए !

  • पाकिस्तान को नष्ट किए बिना कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नहीं मिटेगा, नहीं तो ऐसे संकट आते ही रहेंगे !

  • भारत सरकार तुर्की के विरुद्ध क्या कदम उठाएगी, क्योंकि वह भारत विरोधी गतिविधियों में संलग्न है ? पाकिस्तान के विरुद्ध समय पर उचित कार्रवाई नहीं की, इसलिए उसकी शैतानी बढ गयी है । भारतीयों की यह अपेक्षा है कि तुर्की के मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए !
( प्रतिकात्मक चित्र )

अंकारा (तुर्की) – ‘तुर्की, पाकिस्तान की सहायता के लिए कश्मीर में जिहादी आतंकवादियों को भेजनेवाला है, जो वहां हिंसाचार फैलाने का प्रयास करेंगे’, ग्रीस की वृत्त संस्था पेंटापोस्टागमा ने यह समाचार दिया है । तुर्की मध्य एशिया में एक प्रमुख राष्ट्र के रूप में उभरना चाहता है, इसलिए वह पाकिस्तान की सहायता कर रहा है ।

१. इस वृत्त संस्था की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के एक भाडे पर आंतक फैलानेवाले ‘सादात’ नामक संगठन को कश्मीर में हिंसाचार करने के लिए तैयार किया जा रहा है ।

२. ‘सादात’ का नेतृत्व तुर्की के राष्ट्रपति, रेसेप तैयप एर्दोगन के सैन्य सलाहकार अदनान तनरिवर्दी करते हैं । सैयद गुलाम नबी फई को कश्मीर में आधार स्थापित करने के लिए नियुक्त किया गया है । पाकिस्तान की आई.एस.आई. की वित्तीय सहायता से आतंकवादियों की भर्ती करने और कर चोरी के आरोप में संयुक्त राज्य अमेरिका में फई दो साल की जेल की सजा भुगत चुका है ।

३. सैयद गुलाम नबी फई का जन्म जम्मू-कश्मीर में हुआ था । वह जिहादी संगठन, जमात-ए-इस्लामी का सक्रिय सदस्य भी है । फई ने संयुक्त राज्य अमेरिका में कश्मीर में हिंसा की फैलाने के लिए ‘अमेरिकी कौन्‍सिल ऑफ काश्‍मीर’ की स्थापना की थी । यह संगठन आई.एस.आई. द्वारा वित्त पोषित है । इस बात की पुष्टि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफ.बी.आई. ने की थी ।

‘सादात’ इस्लामी सेना को गठित करने का प्रयास कर रहा है !

क्या भारत में हिन्दू ऐसी इस्लामी सेना का सामना करने के लिए तैयार हैं ? आगामी समय काफिर हिंदू के लिए कितना खतरनाक है इससे यह मालूम होता है ।

‘सादात’ भाडे के आतंकवादियों का एक समूह है । यह समूह तुर्की, सीरिया और लीबिया सहित कई देशों में आतंकवादियों को हथियार देता है । बडी संख्या में सेवानिवृत्त तुर्की सैनिक भी इसमें भाग ले रहे हैं । ‘सादात’ द्वारा इस्लामिक देशों के हजारों आतंकवादियों को इस्लामिक सेना बनाने के लिए एक साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है ।