चीन में भ्रष्ट लोगों को फांसी दी जा सकती है, भारत में क्यों नहीं ?
बीजिंग (चीन) – चीन में २,१९५.३ करोड रुपए के विभिन्न भ्रष्टाचार घोटाले के लिए एक पूर्व बैंक अधिकारी को मौत का दंड दिया गया है ।अधिकारी का नाम ली शिआमीन है । वे चीन में सबसे बडे संपत्ति प्रबंधन संगठन ‘हुआरोंग’ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे । उत्तरी शहर तियानजिन में ली शिआमीन को फांसी दी गई । ली शिआमीन ने रिश्वत के रूप में जो राशि ली थी, वह बहुत बडी है तथा जिन परिस्थितियों में उन्होंने रिश्वत स्वीकार की, वह एक गंभीर अपराध है । समाज पर इसका बहुत बडा परिणाम हो सकता है चीन के सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी का दंड सुनाते हुए ऐसा कहा । न्यायालय ने ली शिआमीन द्वारा प्रविष्ट पुनर्विचार याचिका भी रद्द कर दी थी ।
चीनी न्यायालयों द्वारा अपराधियों को दंड देने का अनुपात ९९ प्रतिशत है; ऐसा होते हुए भी मृत्युदंड का उपयोग बहुत गंभीर अपराधों के लिए ही किया जाता है ।