धर्महानि रोकने के लिए अनवरत कायर्र् करनेवाला पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ समस्त हिन्दुत्वनिष्ठों का आधारस्तंभ ! – पू. नीलेश सिंगबाळ, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के अंक का लोकार्पण करते हुए पू. अधिवक्ता हरि शंकर जैनजी

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की २१ वीं वर्षगांठ ‘ऑनलाइन’ पद्धति से मनाई गई !

देहली – ‘‘अल्पावधि में ही पूरे देश के हिन्दुुत्वनिष्ठों के आधार और हिन्दुत्व के क्षेत्र में दीपस्तंभ समान कार्य करनेवाले ‘सनातन प्रभात’ आज सफलतापूर्वक आगे बढ रहा है । हिन्दी भाषा के ‘पाक्षिक सनातन प्रभात’ की २१ वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर मैं शुभकामनाएं व्यक्त कर रहा हूं । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना, राष्ट्र-धर्म के विषय में मार्गदर्शन करनेवाले समाचार, हिन्दुआें की समस्याआें और हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों को उजागर करने के साथ ही ‘सनातन प्रभात’ द्वारा अनवरत विविध कार्य हो रहे हैं। ‘सनातन प्रभात’ हिन्दुत्वनिष्ठों का आधारस्तंभ है ।’’ हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने ऐसा प्रतिपादन किया ।

‘पाक्षिक सनातन प्रभात’ की २१ वीं वर्षगाठ के उपलक्ष्य में १६ जनवरी को ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । उस समय उन्होंने ‘सनातन प्रभात’ के राष्ट्र-धर्म के कार्य के योगदान के विषय में सूत्र बताए । कार्यक्रम में बंगाल के ‘ट्रुथ’ के संपादक और शास्त्र धर्म प्रचार सभा के पू. (डॉ.) शिबनारायण सेनजी और ‘सनातन प्रभात’ के सहायक संपादक श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे । राष्ट्राभिमान, धर्माभिमान, भाषाभिमान और धर्मशिक्षा के संगम, पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के धर्मसंस्थापना के कार्य का ब्योरा प्रस्तुत किया गया । इस कार्यक्रम का फेसबुक और यू ट्यूब द्वारा सीधा प्रसारण किया गया । कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन उपस्थित धर्मप्रेमियों ने कहा कि ‘सनातन प्रभात’ के कार्य से प्रेरित होकर राष्ट्र-धर्म के कार्य में वे सक्रिय सहभाग लेंगे । (१७.१.२०२१)

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की ‘ऑनलाइन’ २१ वीं वर्षगांठ का विस्तृत समाचार पढिए अगले अंक में