हिन्‍दूद्वेषी, राष्‍ट्र और समाज द्रोही वेबसीरीज तांडव : एक दृष्‍टिक्षेप !

एमेजोन प्राइम पर प्रसारित की जा रही तांडव नामक वेबसीरीज को दिन-प्रतिदिन हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों का विरोध बढ रहा है । निर्माता हिमांशु मेहरा, निर्देशक अली अब्‍बास जफर ने इस वेब सीरीज के माध्‍यम से भगवान शिव और प्रभु श्रीराम का अनादर किया गया है । इसके साथ ही हिन्‍दू धर्म, भारत, हिन्‍दू का अनुचित पद्धति से चित्रण किया गया है तथा सांप्रदायिकता, जातिद्वेष आदि का समर्थन किया गया है ।

वेबसीरीज की मुख्‍य भूमिका में समर प्रताप सिंह (अभिनेता सैफ अली खान) और शिवा शेखर (अभिनेता मोहम्‍मद जिशान) हैं । वर्तमान में इस सीरीज के ९ भाग एमेजोन प्राइम पर प्रसारित किए गए हैं । इस सीरीज के माध्‍यम से सूक्ष्मरूप से हिन्‍दू धर्म को हीन दर्शाया गया है । तांडव वेब सीरीज के कुछ प्रमुख प्रसंग आगे दिए अनुसार हैं ।

१. भारतीय सरकारी व्‍यवस्‍था मुसलमानविरोधी !

सीरीज के प्रारंभ में किसानों का एक आंदोलन दिखाया गया है तथा सत्ताधारी दल उसे कुचलने का प्रयत्न कर रहा है । प्रधानमंत्री के पुत्र का निकटवर्तीय राजनीतिक नेता पुलिस को आंदोलन में सहभागी तीन मुसलमान युवकों को मार डालने का आदेश दे रहा है । उसमें से अयूब और सलीम पर गोलीबारी कर उन्‍हें मार डाला जाता है । इस माध्‍यम से भारत में सत्ताधारी दल ही किस प्रकार मुसलमानों की हत्‍या करवाते हैं, ऐसा अप्रत्‍यक्ष संदेश देने का धर्मांध निर्देशक का प्रयत्न है ।

श्री. विक्रम डोंगरे

२. हिन्‍दू धर्मरक्षक स्‍वामी विवेकानंद का अपमान !

उक्‍त तीन युवकों में से इमरान नामक युवक गोलीबारी से पूर्व ही उसके देहली के महाविद्यालय में जाने के कारण बच गया है । इस महाविद्यालय का नाम विवेकानंद विश्‍वविद्यालय (वी.एन.यू.) है तथा उसमें राष्‍ट्रद्रोही और साम्‍यवादी भरे हुए दिखाए गए हैं । यह देहली के जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय से (जे.एन.यू.से) साधर्म्‍य दर्शाता है । इस माध्‍यम से हिन्‍दू धर्मरक्षक और योद्धा संन्‍यासी स्‍वामी विवेकानंद का भी एक प्रकार से अपमान ही किया गया है ।

३. भगवान शिव और प्रभु श्रीराम का अनादर !

विश्‍वविद्यालय में एक कार्यक्रम चल रहा है तथा उसमें शिवा शेखर नामक विद्यार्थी भगवान शिव के कपडे धारण कर उनका अनादर कर रहा है । उपस्‍थित विद्यार्थी हंस रहे हैं तथा नाटक के माध्‍यम से प्रभु श्रीराम का अपमान भी किया गया है ।

४. भारतीय पुलिस को जनताद्रोही दर्शाने का प्रयत्न !

नाटक की अवधि में इमरान को आतंकवादी कहते हुए पुलिस उसे बंदी बनाती है । इस गिरफ्‍तारी को अवैध बताते हुए शिवा शेखर और सभी विद्यार्थी पुलिस थाने में पहुंचते हैं । वहां पुलिस विद्यार्थियों पर ही लाठी से आक्रमण करते हैं; परंतु विद्यार्थियों द्वारा ही पुलिस पर आक्रमण करने से कुछ पुलिसकर्मी घायल हो जाते हैं । इसलिए विद्यार्थियों पर ही अपराध प्रविष्‍ट किया हुआ दिखाया गया है । इस माध्‍यम से दिखाया गया है कि, भारतीय पुलिस जनता पर किस प्रकार अन्‍याय करती है ।

५. राष्‍ट्रद्रोही नेताआें के समान दिखाई देनेवाले पात्र !

इसके उपरांत शिवा शेखर एक झूठा (डमी) नाटक खडा कर किसानों के आंदोलन में पुलिस द्वारा दो मुसलमान युवकों को मार डालने का वीडियो प्रसारित करता है । बढते जनक्षोभ के कारण पुलिस को इमरान को छोडना पडता है । इस प्रसंग में शिवा शेखर को जे.एन.यू. विद्यार्थी संगठन के भूतपूर्व अध्‍यक्ष और साम्‍यवादी दल के वर्तमान नेता कन्‍हैया कुमार के समान तथा इमरान को देशद्रोह के आरोपी उमर खालिद के समान दिखाया गया है । सना मीर नामक वी.एन.यू. की युवती को राष्‍ट्रद्रोही शेहला रशीद के समान दिखाया गया है ।

६. टुकडे टुकडे गैंग के नारों का चित्रण !

इमरान को छोडने के कारण विश्‍वविद्यालय में आनंद का वातावरण है तथा वर्ष २०१६ में जे.एन.यू. में जिसप्रकार भारत तेरे टुकडे होंगे— आदि राष्‍ट्रद्रोही नारे लगाए गए थे, उसके समान ही और लोकतंत्र व्‍यवस्‍था को चुनौती देनेवाले नारे लगाते हुए वी.एन.यू. के विद्यार्थी दिखाए गए हैं । यहां एक महत्त्वपूर्ण सूत्र विचारणीय है, वह है सभी विद्यार्थियों को अतिउत्तम, अन्‍याय के विरुद्ध आवाज उठानेवाले और आदर्शवादी दिखाने का चित्रण किया गया है । इस माध्‍यम से वामपंथी विचारधारा की प्रशंसा की गई है, यह ध्‍यान में आता है ।

७. भाजपाविरोधी चित्रण !

सत्ताधारी दल जन लोक दल को भाजपा के समान दर्शाने का चित्रण कर उसे दक्षिणपंथी विचारधारावाला बताया गया है । दल के सर्वेसर्वा देवकीनंदन देश के प्रधानमंत्री हैं तथा उनका पुुत्र समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान) उनकी हत्‍या करता है । उसके उपरांत प्रधानमंत्री की कुर्सी की स्‍पर्धा में पक्षांतर्गत अत्‍यंत गंदी और निम्‍न स्‍तरीय राजनीति दिखाई गई है । इस माध्‍यम से एक प्रकार से भाजपाविरोधी चित्र खडा करने का स्‍पष्‍ट संकेत अनेक बार मिलता है । इससे निर्माता और निर्देशक को क्‍या षड्‍यंत्र सुझाना है ? ऐसा एक धुंधला सा विचार भी तांडव देखते समय आ जाता है ।

८. हत्‍यारा दक्षिणपंथी विचारधारावाला दल !

सत्ताधारी दल की हीन राजनीति सहित समांतर रूप से विवेकानंद विश्‍वविद्यालय में विद्यार्थी संगठन के निर्वाचन का घटनाक्रम चित्रित किया गया है । इसमें सत्ताधारी दल जन लोक दल राजकीय लाभ उठाने के लिए वामपंथी विचारधारा के तीन विद्यार्थी नेताआें की हत्‍या करवाता है ।

९. हिन्‍दू संतों का अशोभनीय अनादर !

हत्‍या करनेवाला अथवा सर्व हत्‍याएं करवानेवाला कलाकार पापों से मुक्‍ति पाने के लिए और मनःशांति प्राप्‍त करने के लिए दूरचित्रवाणि पर एक हिन्‍दू संत के मार्गदर्शन से बोध ले रहा है, यह वेबसीरीज में बार बार दिखाया गया है । हिन्‍दू संत को भी अनुचित शब्‍दों में अथवा दोहरे अर्थ में बोलते हुए चित्रित किया गया है । इस माध्‍यम से हिन्‍दू संतों का अनादर ही किया गया है । किंबहुना हिन्‍दुआें के साधु-संत नीच होते हैं, इस प्रकार संदेश इस हिन्‍दूद्वेषी सीरीज के माध्‍यम से दिया गया है ।

१०. दलित और उच्‍च वर्णीय हिन्‍दुआें में खाई निर्माण करने का प्रयत्न !

तांडव के माध्‍यम से हिन्‍दुआें में अभी भी जातिभेद होने के कुछ प्रसंग चित्रित किए गए हैं । इसमें प्रधानमंत्री देवकीनंदन उन्‍हीं के दल के एक वरिष्‍ठ दलित नेता का जाति पर से अपमान करते हैं । उच्‍च वर्णीय हिन्‍दू महिला पर उसका प्रेमी यह दलित नेता अत्‍याचार करता है तथा वह सैकडों वर्षों से दलितों पर हुए अत्‍याचारों का प्रतिशोध ले रहा है, इस प्रकार के वाक्‍य लिए गए हैं ।

११. मुसलमानों की प्रशंसा और मुसलमान भारत में बलि चढते हैं, इस स्‍वरूप का चित्रण !

एक प्रसंग में इमरान को शिवा शेखर दशरथी राम कहकर उसे उत्तम बता रहा है । विश्‍वविद्यालय के चुनाव में इमरान दूसरे दल का नेता होते हुए भी शिवा शेखर को मत देता है, यह दिखाकर उसकी व्‍यापक विचारधारा दर्शाने का भरसक प्रयत्न किया है ।

अन्‍य एक प्रसंग में एक मुसलमान विद्यार्थी स्‍वयं का दुःख व्‍यक्‍त करते हुए शिवा शेखर से संवाद करता है कि हमारे साथ भारत में किस प्रकार का बर्ताव किया जाता है, यह तुम्‍हें पता ही है । अन्‍य एक प्रसंग में एक पुलिस अधिकारी एक मुसलमान को संबोधित करते हुए कह रहा है कि तुम्‍हें इस प्रकार की (अपराध करवाने की) आदत होगी ही ! अन्‍य एक प्रसंग में सना मीर और उसकी बहन को किशन नामक भ्रष्‍ट पुलिस अधिकारी ठग रहा है तथा दोनों से लाखों रुपए ऐंठ रहा है, ऐसा चित्रित किया गया है ।

१२. तांडव साम्‍यवादी शिवा शेखर के दल का नाम !

वामपंथी विचारधारा का शिवा शेखर विश्‍वविद्यालय के चुनाव में उतरने के लिए अपने नए दल का नाम तांडव रखता है । चुनाव में शिवा विजयी होता है, इस प्रकार दिखाया गया है । कुल मिलाकर संपूर्ण वेब सीरीज में वामपंथी विचारधारा की प्रशंसा की गई है । दक्षिणपंथी विचारधारा का राजनीतिक दल कितना नीच है, मुसलमान कितने अच्‍छे हैं, हिन्‍दुआें में कथित जातिद्वेष आदि का समर्थन किया गया है । हिन्‍दू मुसलमानों में अनबन उत्‍पन्‍न करने का प्रयत्न किया गया है तथा मुसलमान सीधे और अच्‍छे होते हैं, यह दिखाया गया है । इसलिए स्‍पष्‍ट रूप से ध्‍यान में आता है कि, यह वेब सीरीज हिन्‍दूद्वेषी, राष्‍ट्रद्रोही और समाजद्रोही है । इसलिए प्रत्‍येक हिन्‍दू और राष्‍ट्रप्रेमी नागरिक को इस वेबसीरीज का वैधानिक मार्ग से संगठित विरोध करने की आवश्‍यकता है ।
श्री. विक्रम डोंगरे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा (१७.१.२०२१)