अमेरिकी संसद के हिंसा में चार की मृत्यु !

  • ट्रम्प समर्थकों का सत्ता के हस्तांतरण को भारी विरोध !

  • ५२ गिरफ्तार !

  • यह संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले २२० वर्षों के लोकतंत्र पर सबसे बडा धब्बा है । यह हिंसा तानाशाही को दर्शाता है । अपेक्षा की जाती है कि अमेरिकी नागरिक इसका समर्थन नहीं करेंगे !

  • यह लज्जास्पद है कि, अमेरिका में ऐसा होता है जो विश्व की एक महाशक्ति है ! इससे पता चलता है कि अमेरिका के लिए अपने ही देश के नागरिकों में लोकतंत्र के मूल्यों को विकसित करना कितना महत्वपूर्ण है ! कई बार भारत को लोकतंत्र, मानवाधिकार, आदि के मुद्दों पर अमेरिका से बातें सुननी पडती हैं ।

ट्रम्प के हजारों समर्थक संसद भवन के बाहर जमा हो गए

वॉशिंगटन (अमेरिका ) – राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हजारों समर्थकों ने शुक्रवार को अमेरिका कैपिटल भवन, अर्थात् संसद, के बाहर एवं कैपिटल भवन में धावा बोल दिया, जिसमें कम से कम चार लोगों की मृत्यु हो गई । पुलिस ने मामले में अब तक ५२ लोगों को गिरफ्तार किया है । पुलिस ने ४ घंटे बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया ।

१. ट्रम्प के हजारों समर्थक संसद भवन के बाहर जमा हो गए, जब नवनिर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष, जो बायडन की विजय का अनुमोदन करने का कार्य सांसद में चल रहा था । परिणामस्वरूप, संसद को स्थगित करना पडा ।

२. इस समय पुलिस के साथ झडप में कम से कम चार लोग मारे गए । पुलिस की गोली से एक समर्थक महिला की मृत्यु हो गई । मरने वालों में एक अन्य महिला और दो पुरुष भी सम्मिलित हैं ।

३. कर्फ्यू का उल्लंघन करने और कैपिटल भवन में हिंसा फैलाने के कारण, कुल ५२ लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।

डोनाल्ड ट्रम्प के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट कुछ घंटों के लिए बंद !

हिंसा के बाद, ट्विटर ने ट्रम्प के खाते को १२ घंटे के लिए बंद कर दिया, जबकि फेसबुक ने उनका खाता २४ घंटे के लिए बंद कर दिया । यह कदम राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ट्रम्प द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपों के कारण जब हिंसाचार जारी था, तब लिया गया । अगर नागरिक अखंडता का उल्लंघन करने वाले तीन ट्वीट हटाए नहीं जाते हैं, तो ट्विटर ने ट्रम्प पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है ।

यह विरोध नहीं, देशद्रोह है ! – जो बायडेन

जो बायडेन

यह विरोध नहीं, अपितु देशद्रोह है । कानून का उल्लंघन करने वालों की संख्या नगण्य है । यह देशद्रोह का मार्ग है और इसे रोका जाना चाहिए । नव निर्वाचित राष्ट्रपति, जो बायडेन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ।

अमेरिका के लिए लज्जास्पद एवं अपमानजनक ! – पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा

यह घटना हमारे देश के लिए लज्जास्पद और अपमानजनक है । संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, बराक ओबामा ने हिंसा की निंदा यह कहते हुए कि, इस हिंसा का अचानक प्रकोप नहीं था मन में जो चिनगारी वर्षों से धधक रही थी अब उसका हिंसा के रूप में उद्रेक हुआ है ।

मैं हिंसा की खबर से अस्वस्थ हूं ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और कहा कि वे वाशिंगटन डी. सी. में दंगों और हिंसा की खबरें देखकर उद्विग्न हैं । सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से और शांतिपूर्वक जारी रहनी चाहिए । अनुचित और अयोग्य पद्धति से विरोध करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कलंकित नहीं किया जा सकता ।