पाकिस्तान में १३ वर्षीय ईसाई लडकी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार, धर्मांतरण और बलपूर्वक विवाह !

  • पुलिस द्वारा आरोपियों का बचाव

  • पाकिस्तान में न्याय मिलना असंभव ! – लडकी के पिता की व्यथा

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकोंपर होनेवाले अत्याचारों के संबंध में मानवाधिकार संगठन और संयुक्त राष्ट्र मौन क्यों हैं ?

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के लाहौर शहर के कंजरा क्षेत्र से १३ वर्ष की एक ईसाई लडकी का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसका धर्मांतरण कर विवाह किया गया । इस संदर्भ में पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने इस लडकी के पिता का वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे अपनी लडकीपर हुए अत्याचार की जानकारी दे रहे हैं । इस प्रकरण में उन्होंने साजिद अली, सुमैरा और तारव इन ३ व्यक्तियोंपर आरोप लगाए हैं । पुलिस ने लडकी के अल्पायु होने की और उसका बलपूर्वक धर्मांतरण करने की जांच कर लडकी के पिता के द्वारा प्रस्तुत किए गए कागदपत्र झूठे होने की बात बताकर कार्यवाही करना अस्वीकार किया । लडकी के पिता ने यह आरोप लगाया है कि लडकी का विवाह कराने की और धर्मांतरण के सभी कागदपत्र झूठे हैं ।

१. इस घटना के संदर्भ में लडकी के पिता ने मंत्री जाहज आलम घस्ती से सहायता मांगने का प्रयास किया; परंतु उन्होंने सहायता नहीं की । तब लडकी की पिता ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सांसद मेरी शिकायत नहीं सुनते और मेरी लडकी को नहीं छुडाते; तो मैं मेरे परिवारसहित मरने के लिए विवश हो जाऊंगा । पाकिस्तान में न्याय मिलना असंभव हुआ है । मुझे न्याय तभी मिलेगा, जब मेरी लडकी वापस आएगी । आप मेरी बात को गंभीरता से लीजिए । मैं जो बता रहा हूं, वही मैं करनेवाला हूं ।

२. ‘सॉलिडैरिटी एन्ड पीस मूवमेंट’ की जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष १२ से २५ वर्ष आयुसमूह के लगभग १ सहस्र हिन्दू और ईसाई लडकियों का अपहरण, बलात्कार, धर्मांतरण और उसके उपरांत उनका विवाह किया जाता है ।