केरल में ईसाईयों द्वारा हलाल मांस का विरोध !

हिन्दू संगठनों द्वारा ईसाईयों का समर्थन !

तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल में ईसाईयों ने क्रिसमस के दौरान हलाल मांस का बहिष्कार करने का निर्णय किया है । “यीशु के जन्मदिन पर हम हलाल मांस क्यों खाएं ?” ‘क्रिश्चियन एसोसिएशन ऑफ चर्चेस ऑक्जिलरी ऑफ सोशल एक्शन’ ने ईसाईयों से हलाल मांस न खाने की अपील की है । हिन्दू संगठनों द्वारा भी इसका समर्थन किया गया है । हिन्दू संगठनों का कहना है कि राज्य में हिन्दुओं को हलाल मांस बेचने के लिए विवश किया जाता है ।

‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय “मुसलमान मांस की दुकानों का बहिष्कार करने का प्रयास” है ।

* हलाल मांस क्या है ?

झटका प्रमाणन प्राधिकरण के अध्यक्ष, रवि रंजन सिंह ने कहा कि, भारतीय धर्म, जैसे हिन्दू धर्म और सिख धर्म, में पशुओं की ‘झटके’ में बलि दी जाती है । इसमें पशु की गर्दन को एक ही झटके में काट दिया जाता है, जिससे उसको कम पीडा होती है । इसके विपरीत, ‘हलाल’ पद्धति में पशु की गर्दन की नस को काटकर छोड़ दिया जाता है, इससे बड़ी मात्रा में रक्त प्रवाहित होता है और यह उसकी मृत्यु का कारण बनता है । जब इस पशु की बलि दी जाती है, तो उसका चेहरा मक्का की ओर कर दिया जाता है, और हलाल करने का काम गैर-मुसलमानों को नहीं दिया जाता है । आज, मैक डॉनल्ड्स और लुसियस जैसे प्रतिष्ठान, केवल हलाल मांस का विक्रय करते हैं ।