कर्नाटक में ‘गोहत्या प्रतिबंध’ कानून पारित

बिल के विरुद्ध कांग्रेस ने किया सभा का त्याग

  • गोमाता की तुलना में धर्मांधों को समर्थन देना कांग्रेस को अधिक प्रिय है । इसलिए वह ऐसे कानून का विरोध करती है । ध्यान रहे, कि कांग्रेस द्वारा धर्मांधों का तुष्टीकरण करने के कारण राज्य अथवा केंद्र में पिछले 74 वर्षाें में गोहत्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका।

  • हिन्दू यह नहीं भूले हैं कि वर्ष १९६६ में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए किए गए निषेध प्रदर्शन पर कांग्रेस ने साधुओं पर गोलीबारी करते हुए अनेक साधुओं और गौरक्षकों की हत्या की थी !

बंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक विधानसभा में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाला एक विधेयक पारित किया गया। इस कानून के अनुसार, गाय और बछडे की हत्या अवैध होगी । यह कानून १३ साल से अधिक आयु के भैंसे की हत्या की अनुमति देता है । गोमांस का विक्रय एवं परिवहन भी दंडनीय अपराध होगा । इसका एकमात्र अपवाद यह है कि जब गाय बीमार होती है और बिमारी का संक्रमण अन्य गायों को होने की संभावना होती है, तो ऐसी गायों को मारने की अनुमति है। गाय का वध करने वाले आरोपियों के मामले शीघ्र गति के अदालत (फास्ट ट्रैक कोर्ट)में चलाए जाएंगे । गाय की सुरक्षा के लिए गौशाला खोलने का भी प्रावधान । कांग्रेस ने विधानसभा में इस कानून का विरोध करते हुए सभा का त्याग किया । विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने इस प्रसंग पर कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है ।