यू.के. के सचिव पर भारत पर दबाव निर्माण करने के लिए पत्र
भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का अधिकार ब्रिटेन के सांसदों को किसने दिया ? भारत पर अब उनका राज्य नहीं, यह उन्हे पता नहीं क्या ?
लंदन (ब्रिटेन) – पिछले १० दिनों से दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के विरोथ में चालू पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को ब्रिटेन के ३६ सांसदों ने समर्थन दिया है । वहां की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में ३६ सांसदों के यूनाइटेड किंगडम के सचिव डोमिनिक राब को इस विषय में पत्र लिखा है । इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कृषि कानून के विरोध में भारत पर दबाव डालने की मांग की है । उसी तरह किसानों के समर्थन में विदेश मंत्रालय और यू.के. के कार्यालय से भारत सरकार से चर्चा करनी चाहिए, ऐसी मांग की है ।
तनमनजीत सिंह ने कहा, यह विषय ब्रिटेन के सिख नागरिक और पंजाब राज्य से संबंधित लोगों के लिए विशेष चिंता का विषय है । यह कानून भारत के अन्य राज्यों के लिए भी समस्या का है । अनेक ब्रिटिश सिख और पंजाबी लोंगों ने उनके सांसदों के साथ इस मामले में आवाज उठाई है । क्योंकि पंजाब में उनका परिवार पीडित होने जा रहा है ।
Farmers Protest: British MPs write to UK Foreign Secretary over farmers' agitation
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ब्रिटेन के सांसदों को, अभी भी भारत पर इंगलैंड की रानी का राज्य है, ऐसा लगता है ! – भाजपा
ब्रिटिश सांसदों के इस पत्र पर भाजपा के नेता अतुल भारखलकर ने टिप्पणी की है । उन्होने ट्वीट करके कहा है कि, किसानों के आंदोलन के विषय में चिंता व्यक्त करने वाला पत्र लिखने वाले ३६ ब्रिटिश सांसदों को अभी भी भारत पर इंगलैंड की रानी एलिजाबेथ का राज्य है, ऐसा लगता होगा । हमारी समस्या सुलझाने में हम समर्थ हैं । जैंटिलमैन, माईंड योर बिजनेस ( आप अपना काम देखें ), ऐसी प्रतिक्रिया भारखलकर ने दी है ।
भारतात चालू असलेल्या किसान आंदोलनाबाबत चिंता व्यक्त करणारे पत्र लिहिणार्या ३६ ब्रिटिश खासदारांना अजूनही भारतावर इंग्लंडच्या एलिझाबेथ राणीचे राज्य असल्याचे वाटत असावे… आमचे प्रश्न सोडवण्यास आम्ही समर्थ आहोत, Gentlemen, mind your own business… pic.twitter.com/53r3WGIueS
— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) December 5, 2020