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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘लव जिहाद’विरोधी अध्यादेश का मसौदा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास अनुमोदन के लिए भेजा था, जिसपर उन्होंने हस्ताक्षर कर सहमति प्रदान की है । अतः २८ नवंबर से यह कानून राज्य में लागू हो गया है । अब इस अध्यादेश को ६ महीनों में विधानमंडल के दोनों सभागारों में पारित करना पडेगा और उसके उपरांत ही वह स्थाईरूप से लागू हो जाएगा ।
१. केवल विवाह के लिए ही लडकी का धर्मांतरण किया गया, तो ऐसा विवाह अवैध माना जाएगा और इस प्रकार से धर्मांतरण करनेवाले को १० वर्षतक कारावास का दंड दिया जा सकता है ।
२. एक धर्म को छोडकर दूसरा धर्म अपनाना हो, तो यह धर्मांतरण “पूरी तरह स्वेच्छा से होने की और किसी भी लालच दिए बिना अथवा दबाव बनाकर न होने की” घोषणा करनी पडेगी ।
३. किसी को धर्मांतरण करना हो, तो उसके लिए जिला दंडाधिकारी को २ महीने पूर्व इसकी सूचना देनी पडेगी । इसका उल्लंघन हुआ, तो ६ महीनों से लेकर ३ वर्षतक का दंड मिल सकता है । इस अपराध के लिए न्यूनतम १ लाख रुपए की जमानत आवश्यक है ।
४. यदि धर्मांतरण के प्रकरण में अल्पायु लडकी, अनुसूचित जाति-समुदाय की लडकियां अंतर्भूत हों, तो दोषी को ३ से १० वर्ष का कारावास और न्यूनतम २५ सहस्र रुपए का आर्थिक दंड देना पडेगा ।