हिन्दूद्वेषी कार्यकर्त्री रेहाना फातिमापर ‘गोमाता’ शब्द का उपयोग करनेपर प्रतिबंध !

  • केरल उच्च न्यायालय का आदेश

  • फातिमा ‘सामाजिक माध्यमों’ पर जानबूझकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत कर रही हैं, यह निष्कर्ष निकालते हुए न्यायालय ने उन्हें लगाई फटकार !

जानबूझकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाली फातिमापर केवल एक शब्द का उपयोग करनेपर प्रतिबंध लगाने की अपेक्षा उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर उन्हें आजीवन सामाजिक माध्यमों का (सोशल मीडिया का) उपयोग न करने का दंड देना चाहिए, यही हिन्दुओं को लगता है !

जानबूझकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाली फातिमा

थिरूवनंतपूरम् – केरल उच्च न्यायालय ने हिन्दूद्वेषी कार्यकर्ती रेहाना फातिमा को किसी भी माध्यम से ‘गोमाता’ शब्द का प्रयोग न करने का आदेश दिया है । इसके आगे फातिमा को गोमाता के संबंध में कोई भी मत और टिप्पणी करने की अनुमति नहीं होगी । फातिमा ने कुछ दिन पूर्व गोमांस से बनाए जानेवाले खाद्यपदार्थ को ‘गोमाता’ कहा था ।

रेहाना फातिमा ने वर्ष २०१८ में भी सामाजिक माध्यमों से बार-बार ‘गोमाता’ शब्द का अनादर करनेवाली पोस्ट की थी, यह बात न्यायाधीश सुनील थॉमस के ध्यान में आई । इस माध्यम से वे जानबूझकर लाखों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रही हैं, ऐसा बताते हुए न्यायाधीश थॉमस ने फातिमापर इस शब्द का प्रयोग करनेपर प्रतिबंध लगाया ।

इससे पहले भी फातिमा ने सामाजिक माध्यमोंपर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले वीडियोज प्रसारित किए थे, जो न्यायालय के सामने भी आया था । अब उनके द्वारा जमानत के लिए दिया गये आवेदनपर टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि ‘हम फातिमा को यह अंतिम अवसर दे रहे हैं ।’