पानी के गोलों और आंसू गैस का उपयोग करके पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों को हटाने करने का प्रयास
नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा के किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में २६ नवंबर को सुबह दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बड़े पैमाने पर आंदोलन किया । किसानों द्वारा आंदोलन की पृष्ठभूमि पर, सुरक्षा बलों को किसानों को सीमा पर रोकने के निर्देश दिए गए थे और सभी सीमाओं को बंद कर दिया गया था ।
(सौजन्य : NDTV)
भोजन, पानी, डीजल और दवाइयां लेकर पंजाब से हजारों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दिल्ली के लिए रवाना हुईं । जब उन्हें पुलिस द्वारा अंबाला-कुरुक्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोका गया, तो पीडित किसानों ने बैरिकेड्स उठा कर फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिये । आंदोलनकारियों ने पुलीस पर पत्थर भी बरसाये । दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पानी के गोले और आंसू गैस का उपयोग किया ।
१. २५ नवंबर से किसान विभिन्न समूहों में दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयत्न कर रहे थे, इसलिए, दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को बढाया गया था । उसी रात, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पानी के गोलों का उपयोग किया गया । “दिल्ली में वर्तमान में कड़कड़ाती ठंड में पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पानी का छिड़काव कैसे कर सकती है ?” यह प्रश्न पूछा जा रहा है ।
२. दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने पुलिस की कार्रवाई पर कहा कि, किसान केंद्र द्वारा लाए गए ३ कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं । इन कानूनों को रद्द करने के बजाय, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी किसानों को विरोध करने से रोका जा रहा है । उन पर पानी के तीव्र छिड़काव का उपयोग किया जा रहा है । इस तरह से किसानों के साथ अन्याय करना ठीक नहीं है । शांतिपूर्वक विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार है ।