पलायन किए गए ईसाइयों को वापस आने का भी किया आवाहन
क्या इराक के मुसलमानों से भारत के धर्मांध कुछ बोध लेंगे ? क्या वे कश्मीर में तोडफोड किए गए सैकडों मंदिरों का नवीकरण कर हिन्दुओं को कश्मीर घाटी में पुनः बुलाएंगे ?, यह प्रश्न उठता है ।
मोसूल (इराक) – इस्लामिक स्टेट का (आई.एस्. का) गढ समझे जानेवाले मोसूल में वर्ष २०१७ में ही आई.एस्. का उन्मूलन किया गया । अब यहां के मुसलमान युवकों ने आई.एस्. के जिहादी आतंकियों द्वारा तोडफोड किए गए २०० वर्ष पुराने सेंट थॉमस चर्च का नवीकरण किया है । उन्हें यह आशा है कि ‘क्रिसमस के उपलक्ष्य में यहां से पलायन किए गए लगभग ४५ सहस्र ईसाईयों को वापस बुलाया जा सकेगा ।’
मोसूल की जनसंख्या लगभग ६ लाख ७० सहस्र है । यहां पहले ४५ सहस्र से भी अधिक ईसाई रहते थे । वर्ष २०१४ में इस्लामिक स्टेट ने आक्रमण कर चर्च में तोडफोड की और ईसाइयों को लू टा । अब VG मुसलमान युवकों ने इस चर्च का नवीनीकरण कर इन ईसाइयों को वापस आने का आवाहन किया है । इसके कारण अब ५० ईसाई परिवार वापस यहां आ गए हैं ।