चीन की युद्ध तत्परता को देखते हुए, भारत को आक्रामक रुख अपनाना चाहिए !
गुवाहाटी (असम) – वर्ष २०१७ में, चीन और भारत की सेनाओं ने डोकलाम में एक-दूसरे का सामना किया । तब से, चीन ने एलओसी के किनारे कम से कम १३ नए सैन्य ठिकानों का निर्माण आरंभ कर दिया है, जिनमें तीन हवाई अड्डे, पांच स्थायी वायु सेना के रक्षा ठिकाने और पांच हेलीपोर्ट शामिल हैं । वैश्विक सुरक्षा सलाहकार, स्ट्रैटफोर की रिपोर्ट के अनुसार, डोकलाम संघर्ष के उपरांत चीन ने पिछले तीन वर्षों में हवाई अड्डों और हेलीपोर्टों की संख्या दोगुनी कर दी है । सुरक्षा विशेषज्ञ सिम टैक द्वारा संकलित रिपोर्ट २२ सितंबर को जारी की गई थी ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि
१) पूर्वी लद्दाख में, भारतीय और चीनी सैनिकों ने मई की पहली छमाही में एक-दूसरे का सामना किया । उसके उपरांत ५ मई से ४ हेलीपोर्ट का निर्माण आरंभ हुआ ।
२) चीन ने भविष्य की सैन्य क्षमता को बढावा देने के लिए रक्षा ठिकानों का निर्माण आरंभ कर दिया है और इससे दीर्घकालिक क्षेत्रीय तनाव उत्पन्न होंगे ।