नई देहली : वित्तीय वर्ष २०१९-२० में २ सहस्र रुपए के नोटों का कुल मूल्य ५ लाख ४० सहस्र करोड रुपए तक अल्प हुआ है । वित्तीय वर्ष २०१८-१९ में मुद्रा विनिमय में ६ लाख ५० सहस्र करोड रुपए के नोट थे । पिछले एक वर्ष की अवधि में मुद्रा विनिमय से २ सहस्र रुपए के १ लाख १० सहस्र करोड रुपए मूल्य के नोट गायब हो चुके हैं । भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा १८ सितंबर को जारी किए गए एक ब्यौरे में यह जानकारी दी है । रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्ष २०१९-२० में २ सहस्र रुपए के नोटों की छपाई बंद नहीं की गई थी ।
५०० रुपए के नोटों की संख्या बढी
इसके विपरीत २ सहस्र रुपए के नोटों की अपेक्षा ५०० रुपए के नोट ४ लाख करोड रुपए से बढे हुए दिखाई दे रहे हैं । वर्ष २०१८-१९ में विनिमय ५०० रुपए के १० लाख ७० सहस्र करोड नोट थे, तो वर्ष में यह संख्या १४ लाख ७० सहस्र करोड रुपए तक पहुंच गई ।
विनिमय में २ सहस्र रुपए के जाली नोटों का भी प्रचलन !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ८ नवंबर २०१६ को नोटबंदी की घोषणा करने के पश्चात में २ सहस्र और ५०० रुपये मूल्य के नए नोट विनिमय में आए थे । काला धन और आर्थिक घोटालों पर रोक लगाने हेतु नोटबंदी करने के पश्चात भी आर्थिक अपराध अल्प नहीं हुए हैं । वर्ष २०१९ में गुजरात में २ सहस्र रुपए के १४ सहस्र ४९४, तो ५०० रुपए के ५ सहस्र ५५८ जाली नोट मिले । केंद्रीय गृहराज्यमंत्री जी. कृष्णा रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी ।
वर्ष २०१६ से २०१९ की अवधि में गुजरात से २ सहस्र रुपए के ११ लाख ४० सहस्र, तो ५०० रुपए के ७४ लाख ३८ सहस्र नोट जप्त किए गए हैं । इस अवधि में किसी भी राज्य से जप्त किए गए ये सर्वाधिक जाली नोट हैं ।