जम्मू-कश्मीर के लिए १ सहस्र ३५० कोटि रुपए के आर्थिक ‘पैकेज’ की घोषणा

बिजली के बिल में ५० प्रतिशत छूट

  • ऐसे ‘पैकेज’ अथवा बिजली के बिल में ऐसी छूट अन्य राज्यों में दी जाती है क्या ? ‘विशेष दर्जा’ मिलने के पश्चात भी जम्मू-कश्मीर की ‘विशेष सुविधा’ कब बंद हेगी ?
  • यह जनता का पैसा होने पर तथा स्वतंत्रता के उपरांत जम्मू-काश्मीर राज्य पर लाखों रुपए लुटाने पर भी उसकी फलनिष्पत्ति क्या निकलती है ? यह जनता को समझना चाहिए !
मनोज सिन्हा

श्रीनगर- कोरोना महामारी के कारण संकट में पडे व्यापारी और छोटे व्यवसायी की सहायता के लिए, उसी तरह पर्यटन क्षेत्र में आर्थिक सहायता की दृष्टि से प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर राज्य के १ सहस्र ३५० कोटि रुपए के आर्थिक ‘पैकेज’ देने की घोषणा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की ।

राज्य में एक वर्ष तक बिजली और पानी के बिल में निश्चित शुल्क पर (‘फिक्स्ड चार्ज’ पर) ५० प्रतिशत, इसके साथ मार्च २०२१ तक मुद्रांक शुल्क पर छूट देने का प्रावधान किया गया है । यह पैकेज केंद्र सरकार के घोषित किए ‘स्वावलंबी पैकेज’ से अलग है ऐसा सिन्हा ने स्पष्ट किया है । अगले ६ मास तक राज्य के प्रत्येक उद्यमी के ऋण के ऊपर ब्याज पर ५ प्रतिशत छूट दी जाएगी । इसके साथ हस्तकला क्षेत्र के लिए ‘क्रेडिट कार्ड’ योजना के १ लाख रुपए की सीमा बढाकर २ लाख रुपए की गई है, उसी के साथ ब्याज पर ७ प्रतिशत की छूट दी जाएगी ।

(कहते हैं) ‘यह पैकेज समुद्र में एक बूंद के समान !’ – अपनी पार्टी

अभी तक लाखों करोड रुपए देने पर भी कश्मीर की स्थिति में कोई सकारात्मक बदलाव हुआ है, ‘अपनी पार्टी’ दल को यह भी बताना चाहिए ! कश्मीर के कितने नागरिक कर (टैक्स)भरते हैं ? यह बात जनता के सामने क्यों नहीं लाते ?

केंद्र सरकार द्वारा दिया यह पैकेज समुद्र में एक बूंद के समान है, जम्मू-काश्मीर की ‘अपनी पार्टी’ के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने ऐसी टिप्पणी की है । राज्य की अर्थ व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए बडे प्रावधान की आवश्यकता है । राज्य में ४० सहस्र करोड रुपए से अधिक की हानि हुई है, ऐसा बुखारी ने कहा ।