हिन्दुओं को लक्ष्य करने के लिए धर्मांधों ने योजना बनाकर दंगा किया ! – सत्यशोधक समिति का निष्कर्ष

बेंगलुरू दंगे का प्रकरण

  • ‘बेंगलुरू दंगा धर्मांधों ने किया है’, यह सार्वजनिक होने के कारण एक भी आधुनिकतावादी अथवा धर्मनिरपेक्षतावादी ने इस प्रकार से सत्य खोजने का प्रयत्न नहीं किया !
  • कर्नाटक सरकार को जडें खोदकर संबंधितों पर कार्रवाई करना आवश्यक !

बेंगलुरू (कर्नाटक) – ‘सिटिजन फॉर डेमोक्रेसी’ नामक संगठन द्वारा स्थापित सत्यशोधक समिति ने उसके ब्यौरे में कहा है कि शहर के डीजेहल्ली और केजीहल्ली क्षेत्र में ११ अगस्त को धर्मांधों द्वारा किया गया दंगा पूर्वनियोजित था तथा वह हिन्दुओं और उनके नेताओं को लक्ष्य करने के लिए किया गया था । सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश श्रीकांत बबलाडी के नेतृत्व की समिति में सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी मदन गोपाल, सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. आर. राजू, डॉ. प्रकाश तथा सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक एम.एन. कृष्णमूर्ति, पत्रकार आर.के. मैथ्यू, संतोष तमैया, प्रा. डॉ. एम. जयप्पा, डॉ. एच.टी. अरविंद, सामाजिक कार्यकर्ता मुनिराजू, जरोम आयंटो और अधिवक्ता क्षेमनरगुंद आदि इस समिति के सदस्य हैं । राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से मिलकर उन्हें ४९ पृष्ठों का यह ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है ।

‘सिटिजन फॉर डेमोक्रेसी’ के सदस्य आपना ब्यौरा कर्नाटक के मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करते हुए

समिति के सदस्यों ने बताया कि,

१. बेंगलुरू के दंगा अचानक नहीं हुआ है, पूर्व योजना बनाकर तैयारी की गई तथा हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर दंगा किया गया । यह केवल धार्मिक दंगा नहीं है, अपितु विद्रोह करने का एक प्रयत्न है । स्थानीय तथा बंदी बनाए गए लोगों ने ही यह कृत्य किया है । स्थानीय लोग इस दंगे में सम्मिलित हुए हैं । यदि उनका सहभाग नहीं होता, तो इतनी बडी मात्रा में यह नहीं हो पाता । एक विशिष्ट समुदाय को लक्ष्य बनाकर यह कृत्य किया गया है । इस दंगे की गहराई में जाकर निरीक्षण करने से कह सकते हैं कि संपूर्ण देश की अर्थव्यवस्था बिगाडने का यह एक निष्फल प्रयत्न था ।

२. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया और पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा देश के अलग अलग क्षेत्रों में किए हुए दंगों के समान ही बेंगलुरू में दंगे किए गए हैं ।

३. समाज में भय का वातावरण उत्पन्न कर दंगे किए गए । उत्तरप्रदेश में घटी घटना के समान ही यहां भी संपत्ति की हानि की गई है । छोटी घटनाएं कर स्थानीय लोगों को भयभीत करने का उनका उद्देश्य था । एक बार भय का वातावरण उत्पन्न होने से लोगों का देश की व्यवस्था से विश्वास उठ जाता है । इस कारण यह कृत्य किया गया है ।

४. राष्ट्रीय मूल्यों के विरुद्ध समाजघाती लोगों का संगठन किया जा रहा है । इस संबंध में नागरिकों ने तुरंत जागृत होना आवश्यक है । इससे आगे गुप्तचर विभाग को आधुनिक बनना चाहिए । हमने निष्पक्ष रहकर तथा पूछताछ कर ब्यौरा प्रस्तुत किया है । हमें विश्वास है कि सरकार इस संबंध में अवश्य कार्यवाही करेगी ।