कुरान को जलाने का विरोध
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माल्म (स्वीडन) – यहां २८ अगस्त की रात कट्टरपंथियों ने सडक पर उतरकर हिंसा की । उन्होंने शुक्रवार को रैली निकाली, जिसमें ३०० से अधिक कट्टरपंथी सडक पर उतर आए थे तथा प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर आगजनी भी की । डेनमार्क के एक नेता की गिरफ्तारी के बाद, यह बताया गया कि उनके समर्थकों ने कुरान को रौंदकर उसमें आग लगा दी । इसके बाद कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा की गई। अधिकांश हिंसक कट्टरपंथी मध्य पूर्व के शरणार्थी हैं । (शरणार्थी कट्टरता अब पूरे यूरोप में बढ रही है, जिसका यह एक उदाहरण है ! जर्मनी ने पहले इसे अनुभव किया है और अब स्वीडन इसका अनुभव कर रहा है । कट्टरपंथी कहीं भी हों, वे समाज के लिए त्रासदायक ही होते हैं ! – संपादक)
१. डेनमाक के स्वीडन द्वारा प्रतिबंधित समूह ´हार्ड लाइन´ के नेता रैमसुस पालुदान को माल्म में बैठक आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था उन्हें स्वीडिश सीमा पर हिरासत में लिया गया था । स्वीडिश प्रशासन को डर था कि अगर अनुमति दी गई, तो कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड सकती है । इसलिए पालुदान को गिरफ्तार कर लिया गया ।
२. पालुदान की गिरफ्तारी से नाराज उनके समर्थकों ने सार्वजनिक रूप से कुरान जलाया । इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है । (भले ही पुलिस आपत्तिजनक काम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करे, कट्टरपंथी हिंसा करके क्या दिखाना चाहते हैं ? हमें इस विषय में सोचना होगा ! – संपादक) पालुदान ने पिछले साल कुरान को जलाया था । इतना ही नहीं बल्कि मुसलमानों के लिए वर्जित सूअर के मांस में कुरान को रखा गया था । इस संदर्भ में उसने फेसबुक पर पोस्ट भी डाली थी ।