आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर मानवीय हस्तक्षेप को कम करने पर बल
नई देहली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्धारित समयसीमा में कर का भुगतान करनेवाले प्रामाणिक करतादाआें के लिए नई करप्रणाली की घोषणा की है । प्रधानमंत्री मोदी के हस्तों उसका लोकार्पण किया गया । ‘पारदर्शी करनिर्धारण : प्रामाणिकता का सम्मान’ इसका नाम है । प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि यह नई करप्रणाली के १३ अगस्त से लागू होगी । इस नए करनिर्धारण के कारण करदाता अब अधिक सरल और गतिशील पद्धति से आयकर से संबंधित काम कर सकेंगे । इस नई पद्धति में प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाएगा, जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम होगा । इसीलिए इस पद्धति के कारण करदाताआें को न्यूनतम परिश्रम में कर का भुगतान करना संभव होगा, यह प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्पष्ट किया ।
प्रधानमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘नई करनिर्धारण पद्धति सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस इन ३ तत्त्वों पर आधारित है । वर्तमान पद्धति के अनुसार प्रत्येक नगर का आयकर विभाग उस नगर के लोगों के आयकर तथा अन्य बातों के संदर्भ में काम करता हुआ दिखाई देता है; परंतु अब यह पद्धति देशव्यापी होगी अर्थात ही प्रौद्योगिकी की सहायता से देश के किसी भी नगर का काम किसी भी ‘फेसलेस टीम’को दिया जा सकेगा । किसी मुंबई के करदाता ने छानबीन के लिए आवेदन किया, तो उसे मुंबई के आयकर अधिकारी के पास न देकर किसी दूसरे नगर के अधिकारी के पास दिया जाएगा । ये अधिकारी कौन और किस नगर के होंगे ?, इसे प्रौद्योगिकी की सहायता से निर्धारित किया जाएगा । संक्षेप में कहा जाए तो अब करदाता कौन है और कौन अधिकारी उसका काम कर रहा है, इसका सीधा संबंध नहीं आएगा । कर देनेवाला और लेनेवाला कौन है, इसका कर के भुगतान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं होगा ।’
‘चार्टर ऑफ राइट्स’ लागू करने की घोषणा
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के करदाताआें के लिए ‘अधिकार पत्र’ अर्थात ‘चार्टर ऑफ राईट्स’ लागू करने की भी घोषणा की । इसमें करदाताआें के सभी अधिकारों के साथ उसके दायित्व के संदर्भ में सभी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी । इसके अतिरिक्त ‘चार्टर ऑफ राईट्स’के अनुसार आयकर विभाग को भी समय रहते कर का भुगतान करनेवालों को सभी सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य होगा । सरकार ने प्रामाणिता के साथ कर का भुगतान करनेवालों के लिए यह सुविधा आरंभ की है । वर्तमान में संपूर्ण विश्व के कुछ चुनिंदा देशों में ही ‘चार्टर ऑफ राइट्स’की सुविधा उपलब्ध है । इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश अंतर्भूत हैं ।
#LIVE | Transparent taxation system is very important. This platform we are launching today will make the tax system faceless. We are starting a new journey today: PM Modi launches a new tax platform – ‘Transparent Taxation – Honouring the Honest’. pic.twitter.com/HdJolgTUET
— CNNNews18 (@CNNnews18) August 13, 2020
‘चार्टर ऑफ राईट्स’ में समाहित महत्त्वपूर्ण सूत्र
१. ‘चार्टर ऑफ राईट्स’ तो एक प्रकार की सूची है । इसमें करदाताआें के अधिकार और कर्तव्यों के साथ ही आयकार अधिकारियों के लिए कुछ दिशानिर्देश अंतर्भूत हैं ।
२. करदाता और आयकर विभाग के मध्य विश्वास बढाने हेतु यह ‘चार्टर ऑफ राईट्स’ साहाय्यकारी सिद्ध होगा । इसके कारण करदाताआें के कष्ट अल्प कर आयकर अधिकारियों का दायित्व सुनिश्चित किया जाएगा ।
३. उदाहरण देना हो, तो जब तक करदाता ने कोई करचोरी अथवा गडबड की है, यह प्रमाणित नहीं होता, तब तक उसे प्रामाणिक करदाता माना जाएगा । इसका अर्थ इसके आगे आयकर विभाग की ओर से बिना किसी प्रमाण और कारण के नोटिस देकर करदाताआें पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा ।
४. इसी प्रकार आयकर विभाग के अधिकारियों को करदाताआें की समस्याआें का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण करना अनिवार्य रहेगा । इसका अर्थ करदाताआें द्वारा उठाई जानेवाली शंकाआें और प्रश्नों पर अधिकारी ऊठपटांग पद्धति के उत्तर नहीं दे सकेंगे । करदाताआें की शंकाआें का निराकरण करना उनके लिए अनिवार्य होगा ।
५. अधिकारियों को करदाताआें के विरुद्ध कोई आदेश जारी करना हो, तो एक बार छानबीन करने का अवसर दिया जाएगा ।