‘रस्सी जल गई; परंतु बल नहीं गया’ वृत्तिवाले धर्मांधों के संगठन !
सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिए जाने के उपरांत भी मुसलमान संगठन इस प्रकार के वक्तव्य देते हों, तो वह न्यायालय का अनादर ही है । हिन्दू चाहते हैं कि इसके विरुद्ध अब न्यायालय को कार्यवाही करनी चाहिए !
नई देहली – ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड’ की ओर से आधिकारिक रूप से धमकीभरा ट्वीट किया गया कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी । तुर्किस्तान में स्थित ‘हागिया सोफिया’ इसका एक बडा उदाहरण है । अन्यायकारी, दमनकारी, लज्जाजनक और बहुसंख्यकों के तुष्टीकरण के द्वारा दिए गए निर्णय से भूमि पर पुनर्निमाण कर उसे बदला नहीं जा सकता । इसे लेकर दुःखी होने की आवश्यकता नहीं है । कोई भी स्थिति स्थायी नहीं होती ।
क्या है ‘हागिया सोफिया’ ?
तुर्किस्तान में १५०० वर्ष पूर्व चर्च का निर्माण किया गया था । उसका नाम हागिया सोफिया था । इस्लामी आक्रांताओं ने कुछ शतक पश्चात उसे मस्जिद बना दिया । वर्ष १९३४ में मस्जिद का रूपांतरण संग्रहालय में किया गया और अब उसका पुनः मस्जिद में रूपांतरण किया गया है ।