अंततः लडाकू ‘राफेल’ विमानों का भारत में आगमन

अब सरकार को निरंतर भारतविरोधी गतिविधियां चलानेवाले पाकिस्तान और चीन को धूल चटानी चाहिए, यही राष्ट्रप्रेमियों की अपेक्षा है !

भारतीय वायुदल की शक्ति बढी !

नई देहली – अंतत: २९ जुलाई को दोपहर ३ बजकर १० मिनट पर बहुप्रतीक्षित लडाकू ‘राफेल’ विमानों का भारत में आगमन हुआ । इन पांचों विमानों को अंबाला के भारतीय वायु दल के हवाई अड्डे पर उतारा गया है । इन विमानों के कारण भारतीय वायुदल की शक्ति अनेक गुना बढी है ।
फ्रान्स के मैरिनैक हवाई अड्डे से २७ जुलाई को राफेल के पांचों विमानों ने भारत की दिशा में उडान भरी थी । ये विमान संयुक्त अरब अमिरात के अल धफ्रा हवाई अड्डे पर एक दिन रुके थे । तत्पश्‍चात ये विमान २९ जुलाई को भारत पहुंचे ।

इन विमानों की टुकडी के भारत के हिन्द महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते ही वहां समुद्र में उपस्थित भारतीय नौसेना ने राफेल के वैमानिकों को ‘हैप्पी लैंडिंग’ बोलते हुए शुभकामनाएं दीं । वैमानिकों ने भी भारतीय नौसेना की आईएनएस कोलकाता युद्धनौका से संपर्क किया । फ्रान्स में प्रशिक्षण लिए भारतीय वायु दल के वैमानिक इन विमानों को लेकर भारत आए । इन विमानों के उडान भरते ही इनमें हवा में ही इंधन भरा गया और उसके छायाचित्र भी सर्वत्र प्रसारित हुए । अंबाला में इन विमानों के उतरते ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राफेल विमानों के कारण भारतीय रक्षा क्षेत्र के इतिहास में एक नए पर्व का आरंभ हुआ है ।

२० अगस्त के पारंपरिक समारोह का आयोजन कर इन लडाकू विमानों को भारतीय वायुदल में अंतर्भूत किया जाएगा । तत्पश्‍चात शीघ्रातिशीघ्र इन विमानों का उपयोग किया जाएगा, ऐसा बताया जा रहा है । वर्तमान में चीन और पाकिस्तान के पास राफेल का सामना करनेवाला एक भी विमान नहीं है ।
वर्ष २०१६ में भारत ने फ्रान्स के साथ ३६ राफेल विमान खरीदने का ५९ सहस्र करोड रुपए का अनुबंध किया था । संपूर्णतः अत्याधुनिक शस्त्रों से सुसज्जित इन विमानों को भारत ने अपनी आवश्यकता के अनुसार तैयार किए हैं ।

राफेल की विशेषताएं

१. राफेल विमान विश्‍व के सर्वोत्तम लडाकू विमानों में से एक है ।

२. भारत को मिले ५ राफेल लडाकू विमानों की टुकडी में ३ विमान एक आसन की क्षमता के, तो २ विमान २ आसन की क्षमता के हैं ।

३. ये विमान ‘मिटिओर’ एवं ‘स्काल्प’ क्षेपणास्त्रों के साथ सुसज्जित हैं । इसके कारण शत्रु के प्रदेश में गहराईतक अचूक मार करने की भारतीय वायुदल की क्षमता अनेक गुना बढनेवाली है ।

४. २० सहस्र मीटर ऊंचाई से उडान भरने की क्षमतावाले इस विमान की गति प्रतिघंटा २ सहस्र १३० किलोमीटर है ।

५. १०० किलोमीटर की ‘रेंज’ में व्याप्त ४० लक्ष्यों को एक ही समय में भेजने की क्षमता इन विमानों की है ।

६. इसमें विशेष कैमरा है, जो आकाश से भूमि पर स्थित छोटी से छोटी वस्तुआें का भी छायाचित्र सहजता से खींच सकता है ।

७. राफेल का सुरक्षाकवच ‘स्पेक्ट्रा सिस्टम’ शत्रु का ‘रडार जैम’ करता है, जिसके कारण शत्रु का ‘रडार’ राफेल को खोज नहीं सकता । इस ‘स्पेक्ट्रा सिस्टम’ की सहायता से ही विमान की दिशा में आ रहे क्षेपणास्त्र की जानकारी मिलती है । ‘रडार जैम’ करने के पश्‍चात भी यदि कोई क्षेपणास्त्र विमान के पास आता है, तो विमान से निकलनेवाले ‘इलेक्ट्रो मैग्नेटिक प्लस’ तरंग विमान की दिशा में आ रहे क्षेपणास्त्रों की दिशा ही बदल देते हैं ।

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी ने संस्कृत भाषा में किया स्वागत !

 

भारत में राफेल विमान का आगमन होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, ‘राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च॥ नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम् !’, इन शब्दों में विमान का स्वागत किया