कहां एक पक्षी का घोंसला बचाने के लिए ३५ दिन अंधेरे में रहनेवालेे सहिष्णु वृत्ति के हिन्दू, तो कहां केवल मांस खाने के लिए दिन दहाडे गोमाता की हत्या करनेवाले धर्मांध !
चेन्नई – केवल एक पक्षी के घोंसले के लिए संपूर्ण गांव की सडक की बत्तियां ३५ दिनों तक बंद रखने की घटना तमिलनाडू के शिवगंगा जनपद के पोथ्थाकुडी नामक गांव में हुई है । एक अंग्रेजी समाचारपत्र ने इस संबंध में समाचार दिया है ।
For 35 days, a Tamil Nadu village goes dark for a heartwarming reason- find out why.https://t.co/u9W8AosJmF
— TIMES NOW (@TimesNow) July 23, 2020
इस समाचार के अनुसार, इस गांव में रहनेवाले करूपी राजा नामक विद्यार्थी ने उसके घर के निकट स्थित सडक की बत्तियों के ‘स्विचबोर्ड’ पर एक पक्षी का घोंसला बना हुआ देखा । उस पक्षी ने उस घोंसले में अंडे भी दिए थे । इसलिए यह घोंसला, वह पक्षी और उसके अंडे बचाने के लिए करूपी राजा ने उसके मित्र-परिवार के समक्ष बिजली बंद रखने का प्रस्ताव रखा । तथापि गांव के कुछ लोगों को एक पक्षी के लिए इतना बढा निर्णय मान्य नहीं हुआ । इसलिए करूपी सरपंच के पास पहुंचा और उसने सरपंच को सर्व बात बताकर बिजली बंद रखने की मांग की । अंत में सरपंच ने करूपी की मांग स्वीकार करते हुए मानवता के नाते सडक की बिजली आपूर्ति बंद रखने का आदेश दिया । इसलिए ३५ दिन इस गांव की सडकों पर अंधेरा था ।
लोगों ने हां और ना करते हुए अंत में इस अच्छे काम का समर्थन किया । जबतक स्विचबोर्ड पर बने घोंसले में पक्षी अपने अंडों सहित रहेगा, तब तक गांव में बिजली न जलाने का निर्णय किया गया । लगभग ३५ दिन अर्थात एक महीने से अधिक इस गांव में अंधेरा छाया रहा ।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस गांव में रहनेवाले विद्यार्थी करूपी राजा ने बताया कि उसके घर के निकट ही बिजली का स्विचबोर्ड है । जिससे इस परिसर की सडक की ३५ बत्तियां जुडी हुई हैं । लॉकडाउन प्रारंभ होने पर उसने एक पक्षी को इस स्विचबोर्ड पर अपना घोंसला बनाते हुए देखा था । उसने अपने गांव के मित्र-परिवार और अन्य लोगों को इस संबंध में सूचित किया । उसने सबको वॉट्सऍप पर मैसेज किया और बिजली बंद करने हेतु सुझाया ।
‘द बेटर इंडिया की रिपोर्ट’ के अनुसार पक्षी और उसके घोंसले के अंडे सुरक्षित रहने के लिए इस विद्यार्थी ने बिजली बंद रखने की बात ग्रामीणों को बताई । केवल एक पक्षी के लिए इतना बडा निर्णय लेना गांववालों को मान्य नहीं हुआ । तत्पश्चात यह लडका सरपंच के पास पहुंचा । सरपंच ने इसे स्वीकार किया । कोरोना के कारण अनेक लोगों ने अपनी छत खो दी है । इस मूक जीव को भी वैसी परिस्थिति का सामना न करना पडे । इसलिए गांव की बिजली खंडित करने का निर्णय लिया गया ।