कर्नाटक के भाजपा के विधायक मुरुगेश निरानी द्वारा वॉट्सऍप पर देवताआें का अशोभनीय एवं अनादर करनेवाला संदेश प्रसारित

राज्यभर में आलोचना होने के उपरांत क्षमायाचना

  • स्वयं को हिन्दुत्वनिष्ठ संबोधित करनेवाली भाजपा को ऐसे हिन्दूद्रोही नेताआें को दल में स्थान नहीं देना चाहिए तथा निरानी पर कठोर कार्यवाही करते हुए उन्हें दल से निष्कासित करे, ऐसी धर्मप्रेमियों की अपेक्षा है !
  • केवल भाजपा ही नहीं, अपितु जनप्रतिनिधियों को धर्मशिक्षा की कितनी आवश्यकता है, यह ध्यान में आता है !

 

बेंगलुरू – कर्नाटक के बिल्गी विधानसभा मतदातासंघ के भाजपा के विधायक तथा भूतपूर्व मंत्री मुरुगेश निरानी द्वारा वॉट्सऍप पर देवताआें का अशोभनीय एवं अनादर करनेवाला संदेश प्रसारित करने की संतापजनक घटना घटी है । यह संदेश स्थानीय समाचार वाहिनियों पर प्रसारित होने के उपरांत निरानी पर राज्यभर में जोरदार आलोचना हुई है ।

अनादरात्मक संदेश पढकर शिक्षामंत्री ने वॉट्सऍप गुट छोडा !

निरानी द्वारा भेजा गया यह अनादरात्मक संदेश पढकर राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षामंत्री एस सुरेश कुमार ने उक्त वॉट्सऍप गुट छोड दिया है । (इतने पर ही न रुकते हुए शिक्षामंत्री ने कहा, देवताआें का अपमान करनेवाले संबंधित लोगों पर कार्यवाही होने के लिए प्रयास करना अपेक्षित है’ ! – संपादक) इससे संबंधित समाचार स्थानीय समाचार वाहिनियों पर प्रसारित हुआ है ।

यह भगवान को माननेवालों का अपमान ! – कांग्रेस

राम को ‘काल्पनिक पात्र’ संबोधित करनेवाली कांग्रेस के नेताआें के निरर्थक बोल !

निरानी के इस कृत्य के संबंध में कांग्रेस के नेता तथा भूतपूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या बोले, ‘‘निरानी ईश्‍वर को मानते हैं कि नहीं ?, प्रथम उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए; क्योंकि ईश्‍वर का अपमान उन्हें माननेवाले प्रत्येक व्यक्ति का अपमान है तथा उनकी धार्मिक भावनाआें को ठेस पहुंचाने का प्रयास है ।’’ (कांग्रेस ने अभी तक हिन्दू धर्म पर अनेक आघात किए हैं, उसका क्या ? अब केवल भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेसवाले ऐसा बोल रहे हैं, यह ध्यान में रखें ! – संपादक)

निरानी ने मांगी क्षमा !

इस कृत्य के लिए पूरे राज्य से आलोचना होने पर निरानी ने क्षमा मांगी है । वह बोले, ‘‘यह भ्रमणभाष क्रमांक मेरा ही था; परंतु मैंने यह संदेश नहीं भेजा है । कदाचित मेरे निजी सचिव से भूलवश वह (फॉरवर्ड किया) हो सकता है; क्योंकि उस दिन मेरा भ्रमणभाष मेरे पास नहीं था । वह निजी सचिव के पास था । संभव है कि भ्रमणभाष पर प्राप्त यह संदेश उनकी लापरवाही के कारण उनके द्वारा आगे भेजा गया होगा । अंत भें चूक किसी की भी हो, चूक तो चूक ही होती है । यह जानबूझकर नहीं किया गया है । मैं सर्व धर्मों के प्रति सहिष्णु हूं तथा विशेषतः सनातन धर्म का मैं अत्यधिक आदर करता हूं । मुझे मेरे धर्म पर गर्व है । मैंने धर्म के विरुद्ध कभी कुछ नहीं बोला है । जिनके द्वारा यह हुआ है, उन्होंने भी क्षमा मांगी है । मैं भी राज्य की जनता से क्षमा मांगता हूं ।’’ (यदि यह संदेश सचिव ने भेजा है, तो निरानी ने उस पर क्या कार्यवाही की है ?, उन्हें हिन्दुआें को यह भी बताना चाहिए ! यदि निरानी के पास ऐसी मानसिकतावाले सचिव होंगे, तो वे हिन्दू धर्म के विरुद्ध काम करते होंगे, यह ध्यान में आता है ! इसलिए ऐसों को सचिव बनाकर रखने से पूर्व यह देखना चाहिए कि वह हिन्दुत्वनिष्ठ है अथवा नहीं ! – संपादक)

मुरुगेश निरानी का वॉट्सऍप पर भेजा गया अशोभनीय संदेश

१. सरोवर में निष्पाप लडकियां निर्वस्त्र होकर स्नान करते समय उन्हें छिपकर देखनेवाले अपने भगवान

२. गर्भवती पत्नी को वन में भेजनेवाले राम अपने भगवान

३. सनातनी लोगों ने स्वयं के लिए अनेक कथाएं रचकर महिलाआें को देवदासी बनाया । शारीरिक सुख के लिए निर्वस्त्र शोभायात्रा निकालने की पद्धति प्रारंभ की ।

४. सांप, सुअर, घोडा, गधा, कुत्ता, गाय आदि भगवान होंगे, तो कौआ, उल्लू, बिल्ली अशुभ कैसे ?

५. १६ सहस्र लडकियों से विवाह करने वाला गाय चरानेवाला कृष्ण भगवान !

७. जरासंध की पत्नी वृंदा पर अत्याचार किए हुए विष्णु अपने भगवान !

८. पति का संपर्क हुए बिना सूर्य, यम, इंद्र, वायु द्वारा पुत्र प्राप्त कुंती भगवान

(यह विवरण छापने के पीछे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने का हमारा उद्देश्य नहीं है, अपितु हिन्दुआें को वास्तविकता ज्ञात हो, इस उद्देश्य से यह प्रकाशित कर रहे हैं । – संपादक)