जळगांव (महाराष्‍ट्र) के श्रीकृष्‍ण मंदिर के मठाधिपति प्रदीप महाराज को धर्मांधों द्वारा धक्‍का-मुक्‍की और जान से मारने की धमकी

गोवंश का अवैध यातायात रोके जाने का प्रकरण

  • पहले पुलिस अधिकारियों के उटपटांग उत्तर
  • स्‍वयं गोवंश का अवैध यातायात नहीं रोकते और जब हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ इस प्रकार की घटनाएं होने का सूचित करते हैं, तब तत्‍परता से कार्यवाही नहीं करते । ऐसी वृत्ति के कर्तव्‍यच्‍युत पुलिस अधिकारी समाज में कानून-व्‍यवस्‍था कैसे बनाए रख पाएंगे ? केवल गोवंश हत्‍याबंदी कानून बनाना पर्याप्‍त नहीं है, अपितु सरकार को उसका प्रभावशाली क्रियान्‍वयन होने हेतु अपनी व्‍यवस्‍था को भी सक्षम बनाना आवश्‍यक है !

     जळगांव – जळगांव (महाराष्‍ट्र) जनपद के वरणगांव में अमानुषिक और अवैधरूप से गोवंश का यातायात किया जा रहा था । स्‍थानीय हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ तथा श्रीकृष्‍ण मंदिर के मठाधिपति श्री प्रदीप महाराज ने जब इसका विरोध किया, तब धर्मांध वाहनचालक ने उनके हाथ से चलितभाष छीन लिया, उनके द्वारा खींचे गए घायल गोवंश के छायाचित्र नष्‍ट कर श्री प्रदीप महाराज के साथ धक्‍का-मुक्‍की और गाली-गलौज की । धर्मांधों ने श्री प्रदीप महाराज को ‘तुम पुनः इस क्षेत्र में दिखाई दिए, तो हम तुम्‍हें मार डालेंगे’, ऐसा कहकर धमकाया । यह घटना १२ जुलाई को प्रातः ५.१५ बजे हुई ।
श्री प्रदीप महाराज को एक छोटे वाहन में ५ गोवंशों को अमानुषिक पद्धति से भरकर ले जाते हुए दिखाई दिया । तो उन्‍होंने वरणगांव पुलिस थाने में संपर्क करने का प्रयास किया; परंतु संपर्क नहीं हो पाया । उसके पश्‍चात उन्‍होंने सहायक पुलिस निरीक्षक बोरसे से संपर्क किया, उन्‍होंने ‘आप पुलिस थाने आइए, तब देखेंगे’, ऐसा कहा ।
तबतक श्री प्रदीप महाराज ने सडक पर रुके हुए और संदेहजनक लगी उस गाडी के धर्मांध से पूछताछ की । तत्‍पश्‍चात धर्मांध चालक ने वरणगांव के १० लोगों को बुला लिया और श्री प्रदीप महाराज के साथ गालीग-लौज कर धक्‍का-मुक्‍की की ।
इस घटना के पश्‍चात समस्‍त हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने ‘इस प्रकार चल रही गोवंश और गोमांस की तस्‍करी को रोका जाए’ निंभोरा पुलिस थाने में इस आशय का ज्ञापन प्रस्‍तुत किया है ।