- वास्तव में केंद्र की भाजपा सरकार से ही संपूर्ण देश के लिए ऐसा कानून बनाना और कठोरता से उसका अनुपालन होना अपेक्षित है !
- आज देश के अनेक राज्यों में गोहत्या बंदी कानून अस्तित्व में है; परतुं उसकी अनुपालन कठोरता से न होने के कारण गोहत्या और गोमांस की बेरोक बिक्री हो रही है । आज जिन राज्यों में ऐसा कानून है, वहां भी गोरक्षकों को ही गोरक्षा के लिए रास्ते पर आना होता है । अनेक बार पुलिस ने गोरक्षकों द्वारा दी गई जानकारी पर तो कार्यवाही की है; परंतु स्वयं आगे बढकर पुलिस ने कुछ किया हो, ऐसा कभी सुनने अथवा देखने में नहीं आता । कर्नाटक में भी कानून बनने पर ऐसा न हो, इसके लिए सरकार को प्रयत्न करने चाहिए !
बेंगळुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक राज्य में शीघ्र ही गोहत्या, गोमांस की बिक्री, कत्लखानों के लिए गोवंश के परिवहन और बिक्री पर बंदी लाई जानेवाली है, ऐसी जानकारी राज्य के पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने दी । भाजपा ने अपने आश्वासन-पत्रक में (चुनावी वादों में) गोहत्या बंदी करने का आश्वासन दिया था । वर्ष २०१० में भाजपा की सरकार के होते हुए गोहत्या पर बंदी लानेवाला विधेयक लाया गया था; परंतु वर्ष २०१३ में कांग्रेस की सरकार आने पर उसेे पीछे ले लिया गया । (यह है कांग्रेस का खरा स्वरूप ! – संपादक)
चौहान आगे बोले, ‘‘कोरोना का संकट दूर होते ही गोहत्या पर बंदी लानेवाले तज्ञों की समिति स्थापित की जाएगी । (इसके लिए कोरोना का संकट दूर होने की क्या आवश्यकता ? अब भी ऐसी समिति स्थापित हो सकती है ! – संपादक) इस विषय में मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाएगी ।’’