(कहते हैं) ‘सेतुसमुद्रम परियोजना पुनः प्रारंभ करें !’

द्रमुक के सांसद टी.आर. बालू की प्रधानमंत्री मोदी से मांग

रामसेतु तोडकर सेतुसमुद्रम परियोजना निर्माण की मांग प्रधानमंत्री खारिज कर देंगे, इसमें किसी प्रकार का संदेह हिन्दुओं के मन में नहीं है !

द्रमुक सांसद टी.आर. बालू

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु के द्रमुक दल के लोकसभा सांसद टी.आर. बालू ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि ‘सेतुसमुद्रम परियोजना’ पुनः प्रारंभ की जाए ।

बालू ने पत्र में कहा है कि ‘राज्य के लोगों को सेतुसमुद्रम परियोजना के संबंध में चिंता है । द्रमुक दल की ओर से लोगों के मन की यह चिंता मैं आप तक पहुंचाना चाहता हूं । मैं आपसे विनती करता हूं कि यह परियोजना धैर्यपूर्वक समझकर प्रारंभ करने का विचार किया जाए ।’

(सौजन्य : NDTV)

क्या है सेतुसमुद्रम परियोजना ?

तमिलनाडु के रामेश्‍वरम से श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप तक के क्षेत्र को ‘रामसेतु’ कहते हैं तथा अन्य देश उसे ‘एडम्स ब्रिज’ कहते हैं । यहां का समुद्र उथला है । इसलिए बडी नौकाओं को परिवहन में बाधा आती है । वर्ष २००५ में तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्ववाली सरकार ने इस मार्ग से नौकाओं को सहजता से आवागमन के लिए ‘सेतुसमुद्रम परियोजना’ की घोषणा की थी । उसके लिए रामसेतु का कुछ भाग तोडा जानेवाला था । सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने के पश्‍चात इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया था ।