नेपाली सेना द्वारा बिहार की सीमा के भूभाग पर नियंत्रण

सीमा पर बडी संख्या में सैनिक तैनात 

नेपाल की घुसपैठ देखते हुए भारत को अब उसे कठोर प्रत्युत्तर देने की आवश्यकता है, अन्यथा उसके सिर पर चढने की संभावना है !

वाल्मीकिनगर (बिहार) – यहां के भारतीय भूभाग सुस्ता प्रदेश को नेपाल ने अपने नियंत्रण में ले लिया है तथा वहां उसने भारतीय नागरिकों के आने पर रोक लगाई है । इस क्षेत्र में ७ सहस्र १०० एकड भूमि का विवाद चल रहा है तथा नेपाल ने यहां के नरसही जंगल पर भी दावा किया है । कोरोना का ‘संगरोध केंद्र’ (‘क्वारंटाइन सेंटर’) खोलने के नाम पर नेपाल ने अपनी सेना को इस क्षेत्र में तैनात किया है ।

भारतीय सीमा पर नेपाली सैनिकों के लिए चीन द्वारा बनाया गया तंबू

नेपाल सीमा पर नेपाली सेना द्वारा ४०० चीनी तंबू

बिहार सीमा पर स्थान-स्थान पर चीनी तंबू में नेपाल के सशस्त्र सैनिक दिखाई दे रहे हैं । इस प्रकार यहां अनुमानित ४०० चीनी तंबू बनाए गए हैं । सीमा पर प्रति १०० मीटर पर नेपाली सैनिक तैनात हैं । १ सहस्र ७५१ कि.मी. लंबाई की सीमा पर नेपाल के सशस्त्र दलों ने २२० नई चौकियों के निर्माण की तैयारी प्रारंभ की है ।

(सौजन्य : ABP NEWS)

नेपाल की घुसपैठ

१. नरकटियागंज क्षेत्र के भिखनाठोडी में आनेवाले २ जलस्रोत  नेपाल ने रोके हैं । नेपाल भारतीय चौकियों को होनेवाली पानी की आपूर्ति रोकना चाहता है; परंतु इन चौकियों को वास्तविक रूप से कूपनलिकाओं (बोरिंग) के माध्यम से पानी की आपूर्ति होती है ।

२. गंडक नदी के भारतीय क्षेत्र के किनारे पर सुस्ता गांव में नेपाल ने पुल का निर्माणकार्य प्रारंभ किया था । भारत द्वारा इस पर तीव्र आपत्ति उठाने पर नेपाल ने यह काम रोक दिया है ।

३. जून के प्रारंभ में वाल्मीकिनगर क्षेत्र में त्रिवेणी घाट के निकट एक बांध हेतु नेपाल ने विरोध किया था । भारत द्वारा फटकारे जानेपर अभी नेपाल शांत है ।

४. नेपाल ने भिट्ठामोड क्षेत्र में भारत द्वारा प्रारंभ किए गए ‘एप्रोच’ मार्ग पर आपत्ति उठाई थी ।

नेपाल के कारण बिहार पर बाढ का संकट 

नेपाल-भारत सीमा से बिहार पर सदैव बाढ का संकट आता है । इसके लिए नेपाल में प्रतिवर्ष उपाययोजना बनाई जाती है; परंतु इस वर्ष नेपाल ने यहां तटबंध करने पर आपत्ति उठाने के कारण बिहार में बाढ का संकट है ।