सीमा विवाद एवं नागरिकता संशोधन विधेयक के सूत्रपर नेपाल के सत्ताधारी कम्युनिस्ट दल में विभाजन होना अटल

दल के कार्याध्यक्ष प्रचंड द्वारा प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के त्यागपत्र की मांग

अब नेपाली हिन्दुओं को भी संगठित होकर चीन प्रेमी सत्ताधारी कम्युनिस्ट दल को सत्ता से हटा देना चाहिए तथा भारत को इसके लिए समर्थन देना चाहिए !

काठमांडू (नेपाळ) – नागरिकता संशोधन विधेयक और भारत के साथ सीमा विवाद के सूत्रपर भारत का विरोध करनेवाले नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को अपने ही कम्युनिस्ट दल से विरोध का सामना करना पड रहा है । इस दल के कार्याध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री ओली की आलोचना करते हुए उनके त्यागपत्र की मांग की है । शर्मा ओली ने त्यागपत्र नहीं दिया, तो दल को भी तोडने की श्री. प्रचंड ने चेतावनी दी है । प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने त्यागपत्र देना अस्वीकार किया है । तो दूसरी ओर प्रचंड को दल से बडा समर्थन मिल रहा है । दल के अनेक सांसदों ने ओली के विरोध में खुलेआम अप्रसन्नता व्यक्त की है । इसके अतिरिक्त कोरोना संकट के सूत्रपर भी लोगों में क्षोभ दिखाई दे रहा है ।

१. सत्ताधारी कम्युनिस्ट दल की स्थाई समिति की बैठक में प्रचंड ने कहा कि ‘यह सरकार लोगों की अपेक्षाओं की आपूर्ति करने में असफल सिद्ध हुई है । सरकार यदि समाजवाद को प्राप्त करने के अपने लक्ष्य में असफल रही, तो अगले चुनाव में दल को असफलता का सामना करना पडेगा । आज सरकार और दल दोनों ही संकट में हैं ।’

२. ओली ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि ‘सरकार देशहित के लिए ही काम कर रही है ।’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘सत्ताधारी दल के नेता विपक्षी दल की भांति काम कर रहे हैं ।’