पुरी में भगवान श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा के लिए अनुमति अस्वीकार करने के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका प्रविष्ट

पुरी (ओडिशा) – सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना संकट के कारण २३ जून से आरंभ होनेवाली भगवान श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा के लिए अनुमति देना अस्वीकार की है । इसपर राज्य के आफताब हुसैन ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका प्रविष्ट की है । इसमें हुसैन ने पुरी नगर को संपूर्णरूप से बंद कर केवल मंदिर के पुजारी एवं सेवकों की उपस्थिति में रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जाए, जिससे रथयात्रा की प्राचीन परंपरा निरंतर बनी रहे, यह मांग की है । इसपर २१ अथवा २२ जून को सुनवाई हो सकती है ।

इस याचिका में आगे कहा गया है कि ‘मंदिर में १ सहस्र १७२ सेवक हैं तथा उन सभी का कोरोना परीक्षण किया गया है । रथ को खींचने हेतु ७५० लोगों की आवश्यकता होती है । अतः ये सेवक रथ खींच सकते हैं । उसके लिए बाहर के किसी को भी अनुमति देने की आवश्यकता नहीं है ।’

सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णयपर पुनर्विचार करे ! – शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्‍चलानंद सरस्वती

पुरी पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी निश्‍चलानंद सरस्वतीजी ने ऐसा कहा है कि ‘‘सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णयपर पुनर्विचार करे ।’’ उन्होंने आगे कहा कि ‘‘लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से रथयात्रापर प्रतिबंध लगाना भले ही उचित हो; परंतु उसमें भी एक बीच का मार्ग निकालना चाहिए, जिससे मंदिर की प्राचीन परंपरा भी खण्डित न हो ।’’